उत्तराखण्ड
बग्वाई मेले को अदभुद बनाता है ओढ़ा भेटने की रस्म।
बग्वाली पोखर का सुप्रसिद्ध बग्वाई मेला भय्या दूज के दिन एक त्योहार और उत्सव के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता रहा है।उत्तराखंड में यह त्योहार दीवाली टीका के रूप में भी मनाया जाता है।
बग्वाली पोखर के भण्डरगांव के लिए यह एक खास दिन है, बग्वाली पोखर में रामलीला मैदान के समीप एक चबूतरे पर स्थित मेले के प्रतीक ओड़े को भैंटने के लिए भण्डरगांव के थोकदार और पधान की अगुवाई में ग्रामवासी नगाड़े, निशाणों के साथ नाचते गाते हुए आते हैं, जिनका स्वागत आसपड़ोस के मित्र गाँवों के निवासी करते हैं।
कहा जाता है कि प्राचीन काल में अन्य कई गाँवों से भी नगाड़े, निशाण के साथ ग्राम वासी इस रस्म को अदा करने आते थे.ओडा़ भैंटने की रस्म के साथ ही मेले का आगाज हो जाता है।
विगत कुछ वर्षों से सुविख्यात रामलीला मंच पर बग्वाई मेला समिति द्वारा रोचक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं! प्रतिपक्ष संवाद को आदर्श रामलीला कमेटी बग्वालीपोखर के अध्यक्ष मनोहर भंडारी ने बताया कि
वर्तमान में रामलीला मैदान के समीप से बहने वाले नाले की ऊंचाई बढ़ जाने के कारण मैदान की भी ऊंचाई बढ़ती जा रही है और वर्षा जल का निकास न हो पाने के फलस्वरूप मैदान में दलदल सा बन जाता है. मंच की ऊँचाई मैदान से सिर्फ कुछ इंच ही रह गई है. मई जून में होने वाली रामलीला में दिक्कतें आने लगी हैं।
इन समस्याओं को क्षेत्र के विधायक महेश नेगी के माध्यम से आदर्श रामलीला समिति ने मुख्यमंत्री के सम्मुख रखा, परिणामस्वरूप 6 सितम्बर को अल्मोड़ा आगमन पर मुख्यमंत्री ने बग्वाली पोखर के रामलीला मैदान के सुधारी करण और मंच का निर्माण किए जाने की घोषणा की. इस संदर्भ में अभी तक हुई प्रगति की जानकारी बग्वाई मेले में दी गई.