उत्तराखण्ड
बेस अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला के अंडेदानी से साढ़े सात किलो का ट्यूमर निकाला आयुष्मान योजना के जरिये हुआ नि:शुल्क ऑपरेशन।
दैनिक प्रतिपक्ष संवाद गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल
श्रीनगर गढ़वाल – राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय के गायनी विभाग के डॉक्टरों ने एक जटिल सर्जरी को सफलता पूर्वक कर रुद्रप्रयाग जिले की 50 वर्षीय महिला को राहत दी। महिला की अंडेदानी में बने साढ़े सात किलोग्राम के ट्यूमर को निकाला है। ट्यूमर के बड़े साइज को देखते हुए डॉक्टरों ने जांच के लिए भेजा गया। महिला एवं उसके परिजनों ने सफल ऑपरेशन कर इलाज करने बेस चिकित्सालय के गायनी एवं सर्जरी विभाग के डॉक्टरों का आभार प्रकट किया है।
गायनी विभाग की सीनियर डॉक्टर डॉ. नेहा काकरन ने बताया कि रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि क्षेत्र की 50 वर्षीय शांति देवी पेट दर्द की शिकायत लेकर आयी थी। जिसके द्वारा बताया कि वह कई महिनों से दवा ले रही थी, किंतु इसके बाद भी कोई परिवर्तन नहीं आ रहा था। जिसके बाद उसके पेट में सूजन एवं भारीपन बढ़ता गया, जिसके बाद वह बेस चिकित्सालय के गायनी विभाग में पहुंची तो जांच में कराई गई तो महिला के अंडेदानी में बड़ा ट्यूमर निकला। जिसका जल्द ऑपरेशन कर अंडेदानी में बने ट्यूमर को निकाला गया। जो लगभग साढ़े सात किलो एवं 35-40 सेमी बढ़ा था। डॉ. नेहा ने बताया कि ऑपरेशन के बाद महिला पूरी तरह से स्वस्थ्य है और 10 दिनों के भीतर डिस्चार्ज कर दी जायेगी। महिला के सफल ऑपरेशन में गायनी विभाग से सीनियर डॉक्टर डॉ. नेहा, सर्जरी विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हरी सिंह, एनेस्थिसिया विभाग से डॉ. वंदना, डॉ. दिव्यांशु, डॉ. अनिकेत, डॉ. काजल, डॉ. नेहा सिद्धिकी सहित नर्सिंग स्टाफ का सहयोग रहा।
आयुष्मान योजना बनी महिला के लिए संजीवनी
प्रदेश एवं केन्द्र सरकार की आयुष्मान योजना अगस्त्यमुनि क्षेत्र की महिला के लिए तब संजीवनी बनी, जब उन्हें आयुष्मान योजना से बेस चिकित्सालय में नि:शुल्क इलाज मिला। महिला शांति देवी ने आयुष्मान योजना से नि:शुल्क इलाज देने पर प्रधानमंत्री, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का आभार प्रकट किया है। गायनी विभाग की डॉक्टर डॉ. नेहा काकरन ने बताया कि आयुष्मान योजना से महिला का पूरी तरह से नि:शुल्क ऑपरेशन व इलाज हो रहा है। यदि प्राइवेट व अन्य स्थानों पर होता है तो महिला को ऑपरेशन कराने के लिए डेढ़ लाख तक का खर्च करना पड़ता।