राष्ट्रीय
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सरकारी कर्मचारियों का आंदोलन, रामलीला मैदान में जुटी भारी भीड़।
नई दिल्ली. दिल्ली के रामलीला मैदान में पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. 1 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली के रामलीला मैदान में सरकारी कर्मचारी भारी संख्या में जुटे हुए हैं. सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि इसे दोबारा से लागू किया जाए.
कर्मचारियों ने उनकी मांगेें नहीं मानने पर आरपार के संघर्ष का ऐलान किया है.
पुरानी पेंशन योजना के तहत 2004 से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों को दी जाती है. इस पेंशन योनजा के तहत एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में दी जाती है. यह राशि कर्मचारियों के रिटायरमेंट के वक्त वेतन के आधार पर तय किया जाता था. वहीं 2004 से रिटायर हुए सरकारी कर्मचारियों को नई पेंशन योजना का लाभ दिया जाता है.
नई पेंशन योजना के विरोध में देश के पांच राज्यों में पुरानी पेंशन योजना बहाल की गई है, जिसका मतलब है कि इन राज्यों के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत हर महीने बिना किसी कटौती के पेंशन का लाभ मिलेगा. पुरानी पेंशन योजना को सबसे पहले राजस्थान में लागू किया गया. इसके बाद छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में ये स्कीम लागू की गई है.
आंदोलन कर्ता विजय कुमार बंधु का कहना है कि पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा, अब जीवन मरण का प्रश्न बन गया है. एक साल से इस रैली की तैयारी हो रही है. विभिन्न राज्यों का दौरा कर सरकारी कर्मियों से दिल्ली पहुंचने की अपील की है. कई राज्यों में सरकारी कर्मी संगठनों ने अपने-अपने तरीके से ओपीएस की मांग उठाई है. पुरानी पेंशन लागू होने से सरकार को नुकसान नहीं होगा. जब पांच राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो सकती है, तो पूरे देश में क्यों नहीं हो सकती. देश की आंतरिक और सीमा की सुरक्षा में तैनात सीएपीएफ जवानों को पुरानी पेंशन से वंचित रखा जा रहा है.
पुरानी पेंशन योजना का यह लाभ
- इस स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय मिल रहे वेतन की आधी रकम पेंशन के रूप में दी जाती है.
- ओपीएस के तहत कर्मचारियों के वेतन से पेंशन के लिए कोई पैसा नहीं कटता है
- पुरानी पेंशन योजना के तहत भुगतान सरकार अपने खजाने से पेमेंट करती है
- इस स्कीम में 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलती है
- इसमें जनरल प्रोविडेंड फंड का प्रावधान है
- इसमें छह महीने बाद महंगाई भत्ता बढ़ाने का प्रावधान है
नई पेंशन योजना
- कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी हिस्सा कटता है.
- नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है,? जिस कारण यह उतना सुरक्षित नहीं है.
- इसमें छह महीने बाद महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का प्रावधान नहीं है.
- रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं है.
- यह टैक्स कटौती के तहत भी आता है.
- रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने के लिए आपको 40 फीसदी एनपीएस का हिस्सा एन्युटी में निवेश करना होगा.
सरकारी कर्मचारियों के पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर विपक्षी दलों की ओर से पूरा समर्थन मिल रहा है. इसी क्रम में बीकेयू नेता राकेश टिकैत और आप नेता सरकारी कर्मचारियों को समर्थन देने रामलीला मैदान पहुंचे हुए थे. राकेश टिकैत ने कहा कि देश का किसान इस लड़ाई में उनके साथ है और मजबूती से लड़ने का काम करेगा. वहीं संजय सिंह ने कहा कि 40 दिन विधायक सांसद रहने वाले को पूरी जिंदगी पेंशन मिल रही है तो 40 साल काम करने वाले कर्मचारियों को क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि आप की जहां सरकार है, वहां पुरानी पेंशन लागू है.