उत्तराखण्ड
विधानसभा द्वाराहाट के रेवाड़ी गांव में लगा पांडव लीला।
द्वाराहाट से करीब 24 किमी दूर ग्राम रेवाड़ी में इन दिनों रात्रि में पांडव लीला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें बहुत दूर दूर से लोग पांडव लीला देखने पहुंच रहे हैं । रात्रि में पांडव लीला करीब 8 बजे रात्रि से बारह बजे तक यह कार्यक्रम चला रहा है।यहां पर करीब 43वर्षों के बाद पांडव लीला का आयोजन किया जा रहा है। दो गांवों के प्रयासों से इस वर्ष 1978 के बाद यह लीला की जा रही है। जिसमें रेवाड़ी और बिजुरानी गांव की जनता के द्वारा किया जा रहा है।बीती रात भाजपा के बड़े नेता अनिल साही और बलवंत सिंह नेगी द्वारा इस कार्यक्रम का सुभारम्भ किया गया।
बता दें कि इस लीला में द्रोपदी और बसंता को अवतरित किया जाता है अवतरित होने। के बाद द्रोपदी सबको ,पांडव सेना को अपना आशीर्वाद देती है। बाकी के सब कलाकार इस लीला को मंचन के माध्यम से पेश करते हैं। यूं तो यह मुख्य रूप से गढ़वाल मंडल में मनाया जाने वाला लीला है।मगर रेवाड़ी बिजुरनी कुमाऊं मंडल में होकर भी गढ़वाल मंडल की परंपराओं को निभाती है बता दें कि जब पांडव अपना राज्य छोड़ कर स्वर्ग की ओर जा रहे थे तो कुमाऊं गढ़वाल से होकर गुजरे तो यहां की जनता ने पांडवों को अपना इष्ट मानकर उनकी पूजा करनी सुरु कर दी।इसी मार्ग पर पांडवों की परीक्षा लेने भगवान भोले नाथ केदारनाथ में भैंसे के रूप में दलदल में इनको मिले जहां पर भगवान भोले बाबा को आइजुन पहचान गया और भीम ने भैंसे की पीठ वाले हिस्से को पकड़ लिया और तब से वहां पर केदारनाथ का निर्माण हुआ कहते हैं केदार का मतलब दलदल होता है ।
इसी वजह से ग्रामीण आज भी पांडवों की पूजा करते हैं और इनकी लीला करते हैं इस लीला में द्रोपदी बसंता अभिचनी फुलारी सोनू लोहारी और माता कुंती महिलाएं होती हैं और बाकी पुरुष जिसमे युधिष्ठिर भीम अर्जुन नकुल सहदेव के साथ बबरिक बल्याव नागार्जुन अभिचन हनुमान आदि मुख्य होते हैं।