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उत्तराखंड के यह गांव हो चुके हैं पूरी तरह से बंजर: दिशा ध्याणियों के द्वारा गांव में लगती है रामलीला, तब कुछ दिन गांव रहता है आबाद ।।

पौड़ी

उत्तराखंड के यह गांव हो चुके हैं पूरी तरह से बंजर: दिशा ध्याणियों के द्वारा गांव में लगती है रामलीला, तब कुछ दिन गांव रहता है आबाद ।।

पलायन के खिलाफ महिलाओं की जंग

पौड़ी – उत्तराखंड को पलायन ने किस रूप से नष्ट किया है यह हम सभी को पता है गांव के गांव खाली होते हुए अनेक लोगों ने देखे हैं पलायन की मार के चलते जहां उत्तराखंड के गांव खाली हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर द्वारीखाल ब्लॉक के ग्राम पंचायत तिमली के डंगला नौबाड़ी, तिमली, कंडवाण बाड्यूं के प्रवासी ग्रामीणों ने सामुदायिक सहभागिता से दस दिनों की रामलीला का मंचन कर गैर आबाद होने की कगार पर पहुंच चुके इन गांवों को बचाने की मुहिम छेड़ी है।

दिशा ध्याणियों ने गांव किए आबाद

इनका उद्देश्य है कि इस रामलीला से बंजर पड़े गांव को कुछ दिन के लिए आबाद कर सकें , इसमें गांव की बेटियों और बहनों (दिशा ध्याणियों) को भी आमंत्रित किया जाता । रामलीला के समापन पर सभी दिशा-ध्याणियों को अरसे की कंडी देकर विदाई दी जाती है। इस बार दिशा- ध्याणियों की विदाई के दौरान गांव में – माहौल भावुक हो उठा। जिससे गैर आबाद होने की कगार पर पहुंच चुके उनके गांव आबाद हो गए हैं। इस अविस्मरणीय रामलीला मंचन का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक सांस्कृतिक और परंपराओं को जीवित रख भावी पीढ़ी को अपने पैतृक धरोहर, संस्कृति और परंपराओं से अवगत कराना था। करीब 50 वर्ष बाद इस आयोजन में गांव की बेटियां व बहनें एक ही मंच पर मिलीं। कार्यक्रम में तिमली, डंगला नौबाड़ी, कंडवाण बाड्यूं की सभी विवाहित बेटियों और बहनों ने प्रतिभाग किया। और राज्य को एक सन्देश दिया ।।

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