उत्तराखण्ड
कल मनाई जाएगी होली पर्व(छलड़ी)
ज्योतिषाचार्य मंजू जोशी
अच्छाई की जीत का पर्व होली जो कि कुमाऊं क्षेत्र में छलड़ी के नाम से प्रसिद्ध है 19 मार्च 2022 शनिवार को मनाई जाएगी।
होली 18 मार्च या 19 मार्च कौन से दिन शास्त्र संगत है?
रंग भरी होली उत्सव मनाने हेतु सभी लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है हम अपने आलेख के माध्यम से आपको स्पष्ट कराने का प्रयास कर रहे हैं।
18 मार्च को दोपहर 12:49 तक पूर्णिमा तिथि है वैदिक कैलेंडर के अनुसार उदया तिथि पर ही हर एक तिथि (पर्व) की गणना की जाती है। होली उत्सव (छलड़ी) प्रतिपदा उदया तिथि में प्रारंभ होता है इस कारण प्रतिपदा उदया तिथि में 19 मार्च शनिवार को होली उत्सव मनाया जाएगा। होली खेलने का शुभ समय 19 मार्च शनिवार को 11:40 तक रहेगा।
आइए जानते हैं होली पर्व पर हमें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
1–आप सभी जातकों ने ध्यान दिया होगा कि होली पर्व पर सभी महिलाओं और पुरुषों के सर पर टोपी होती है हिंदू धर्म व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमें प्रयास करना चाहिए कि अपने सिर को ढ़क कर रखें क्योंकि होली के दिन बुरी शक्तियां सिर पर से ही शरीर में प्रवेश करती हैं।
2–होली के दिन भोजन ग्रहण करते समय आपका मुख दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए।
3–शास्त्रों के अनुसार होली के दिन किसी भी प्रकार का कोई भी शुभ कार्य वर्जित माना गया है।
4–होली के दिन देर तक न सोएं ना ही शाम के वक्त सोएं। इस दिन केवल सुबह और शाम को बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं को ही परिस्थिति वश शयन करना चाहिए।
5– होली के दिन हमें प्रयास करना चाहिए अकारण ही किसी भी शमशान या सुनसान जगह पर बिल्कुल भी न जाएं क्योंकि होली के दिन तंत्र क्रियाएं अधिक प्रभावशाली होती है। जिसका असर आप पर भी हो सकता है।
6–होली के दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें।
7–होली पर सफेद रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। सफेद रंग चंद्रमा का का कारक हैं। सफेद रंग के वस्त्र आपके व्यवहार में विनम्रता,प्रेम और सहनशीलता प्रदान करते है। होली खेलने के लिए गहरे काले रंग के वस्त्रों का उपयोग न करें क्योंकि काला रंग नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित (संचित) करता होली पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार अधिक होता है।
आप सभी को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी की होली शुभ हो व सभी कष्टों का नाश हो ऐसी हम ईश्वर से कामना करते हैं।