देहरादून
तो इस बार उत्तराखंड उपचुनाव में होगा घमासान: बड़े-बड़े कद्दावर नेता मैदान में होंगे । इन नेताओं का रहेगा दबदबा ।।
बद्रीनाथ और मंगलौर निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव का ऐलान
बद्रीनाथ – उत्तराखंड की दो विधानसभा सीटों में उपचुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है लंबे समय से यहां प्रत्याशी चुनाव प्रचार के लिए गांव-गांव भी घूमने लग गए थे इस बार इन क्षेत्रों के उपचुनाव में मुकाबला रोचक होने वाला है बद्रीनाथ सीट से बेरोजगार संघ भी अपने प्रत्याशी को उतार सकता है वहीं बीजेपी कांग्रेस वहां से चुनाव लड़ते आए हैं,यहां से पत्रकार नवल खाली भी चुनाव मैदान में हो सकते हैं ,और जोशीमठ आपदा के बाद सुर्खियों में आए अतुल सती भी चुनाव में उतर सकते हैं भारतीय जनता पार्टी यहां से राजेंद्र भंडारी को टिकट दे सकती है,
।भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड विधानसभा की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है. राज्य विधानसभा की बद्रीनाथ और मंगलौर निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव होगा. आयोग के अनुसार 14 जून को इसके लिए अधिसूचना जारी होगी. फिर 21 जून तक नामांकन किया जा सकता है. वहीं 24 जून तक नामांकन पत्रों की जांच होगी. इसके बाद 10 जुलाई को मतदान होगा. वहीं 13 जुलाई को काउंटिंग होगी. आयोग के अनुसार 15 जुलाई 2024 से पहले निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न हो जानी चाहिए. बद्रीनाथ सीट पर राजेंद्र सिंह भंडारी के इस्तीफे और मंगलौर सीट पर सरवत करीम अंसारी के निधन के बाद यह उपचुनाव कराए जा रहे हैं.
उपचुनाव का ऐलान करते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने कहा कि आयोग ने उपचुनाव में सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट उपलब्ध करा दिए गए हैं और इन मशीनों की मदद से मतदान सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं.कांग्रेस और भाजपा यहां से जीतकर विधानसभा में अपनी संख्या बढ़ाने को लेकर मैदान में उतरेबी।
वर्तमान में 70 विधानसभा में 68 में से भाजपा के 47 व कांग्रेस के 18 बसपा के एक, निर्दलीय 2 हैं।साल 2022 में संपन्न हुए उत्तराखंड विधासनभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थी. 2022 के चुनाव में बीजेपी को 44.3 फीसदी वोट मिले थे और 47 सीटें हासिल की थीं. वहीं कांग्रेस को इस चुनाव में 19 सीटें मिलीं थीं और 37.9 फीसदी मत मिले थे. आपको बता दें कि कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे राजेंद्र सिंह भंडारी, कांग्रेस के विधायक थे. चुनाव से पहले वह इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. वहीँ बसपा के बड़े नेता और विधायक रहे सरवत करीम अंसारी का बीते साल अक्टूबर में निधन हो गया था लिहाज़ा सीट खाली हो गयी थी। देखना दिलचस्प होगा कि इन दोनों ही सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस किसपर दांव लगाएगी ?