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लगातार तीसरी बार NSA बने उत्तराखंड के लाल, पीएम मोदी की पहली पसंद अजीत डोभाल ही क्यों ? जानिए NSA की 10 प्रमुख विशेषताएं ?

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लगातार तीसरी बार NSA बने उत्तराखंड के लाल, पीएम मोदी की पहली पसंद अजीत डोभाल ही क्यों ? जानिए NSA की 10 प्रमुख विशेषताएं ?

पीएम मोदी को फिर उत्तराखंड के लाल पर भरोसा

नई दिल्ली – एक बार फिर देश के अहम मुद्दों पर फैसले लेंगे उत्तराखंड के लाल , मोदी ने सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी फिर से उत्तराखंड को सौंपी , इसलिए पौड़ी के गर्व बने अजीत डोभाल । पीएम मोदी ने इस बार भी उत्तराखंड पर ही भरोसा जताया , और रिकॉर्ड तीसरी बार अजीत डोभाल को NSA का पद दे दिया, फिर एक बार अजीत डोभाल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त होने से पौड़ी ही नहीं पूरे उत्तराखंड का मान और सम्मान बढ़ गया है। डोभाल की नियुक्ति यह भी बताती है कि पीएम मोदी का उत्तराखंड के प्रति लगाव, विश्वास कितना ज्यादा है। जो बार-बार इस महत्वपूर्ण पद पर उत्तराखंड के लाल को ही जिम्मेदारी मिलती है , यह पावर है उत्तराखंड के खून की , यह शक्ति है उत्तराखंड के लोगों में ईमानदारी की, यह शक्ति है बड़े निर्णय लेने की , यह शक्ति है उस क्षमता की जो हर किसी के पास नहीं होती, पौड़ी जिले के निवासी अजीत डोभाल को पुन: देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाए जाने से उत्तराखंड को जो खुशी मिली है। उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता ।।

अजीत डोभाल एक परिचय

जनपद पौड़ी की बनेलस्यूं पट्टी स्थित घीड़ी गांव में मेजर गुणानंद डोभाल के घर 20 जनवरी 1945 को जन्मे अजीत डोभाल ने देश को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाई है, कक्षा चार तक की पढ़ाई राजकीय प्राथमिक विद्यालय घीड़ी में करने के बाद मिलिट्री स्कूल अजमेर से प्राथमिक और लखनऊ से माध्यमिक की शिक्षा उत्तीर्ण करने वाले अजीत डोभाल पहले से ही सही निर्णय लेने में सक्षम थे, इसलिए उन्हें बार बार NSA बनाया जाता है ।

NSA का पावर और सुरक्षा में महत्व

NSA का यह पद पहली बार 1998 में अटल बिहारी वाजपेई की NDA सरकार में तब बनाया गया था जब देश में दूसरी बार परमाणु परीक्षण किए गए थे. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ही करते हैं, जिनका मुख्य काम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री को सलाह देना होता है. सरकार में यह काफी अहम पद होता है.मोदी सरकार ने अजित डोभाल को लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया. इससे पता चलता है कि अजीत डोभाल ने पिछले 10 सालों में कितना बेहतर कार्य किया है , NSA को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाता है . ऐसे में यह जानना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि आखिर अजित डोभाल को लगातार तीसरी बार NSA क्यों नियुक्त किया गया है , जैसे कि आपको पता है कि अजीत डोभाल को साल 2014 में पहली बार NSA बनाया गया था. साल 2019 में भी उनके कार्यकाल को बरकरार रखा गया था . और फिर तीसरी बार भी उन्हीं के हाथ में यह पद रहेगा,अजीत डोभाल के अलावा पीके मिश्रा भी प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव के पद पर बने रहेंगे।।

अजीत डोभाल से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जिसने उन्हें बनाया खास

अब जानते हैं अजित डोभाल से जुड़ी खास बातें जो हर देश वासी को जाननी चाहिए,आपको बता दें अजित डोभाल केरल कैडर के 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. अजित डोभाल भारत के दूसरे सबसे बड़े शांति कालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले पहले पुलिस अधिकारी हैं.अजित डोभाल ने छह सालों तक पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग में सेवा की.अजित डोभाल 1999 के कंधार विमान हाईजैक में एयर इंडिया की उड़ान IC-814 के यात्रियों की रिहाई के लिए वार्ताकार थे.इसके अलावा डोभाल ने 1988 में खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन ब्लैक थंडर में भी हिस्सा लिया था. अजित डोभाल ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर के रूप में 2004 और 2005 के बीच कार्य किया.2016 में भारतीय सेना की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक भी डोभाल की नीति का हिस्सा माना जाता है. बताया जाता है कि वह उन चुनिंदा लोगों में से एक थे, जिन्हें इस बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में पता था.

देश की सुरक्षा में कोई भी चूक ना हो इसलिए अजीत डोभाल के ऊपर जिम्मेदारी

इसके अलावा NSA के अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने 546 भारतीय नर्सों की वापसी में मदद की थी, जो आईएसआईएस के मोसुल पर कब्जा करने के बाद इराक में फंस गई थीं.इसके साथ ही अजित डोभाल को म्यांमार से संचालित नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के अलगाववादियों के खिलाफ एक सैन्य अभियान का भी क्रेडिट दिया जाता है.NSA अजित डोभाल भारत-चीन डोकलाम गतिरोध को सुलझाने में शामिल महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक थे. यानी कि अजीत डोभाल में इतनी काबिलियत है जो इस समय किसी दूसरे में नहीं दिखाई देती, डोभाल किसी भी समस्या को हल कर सकते हैं और प्रधानमंत्री को सुरक्षा के मुद्दों पर सही सलाह दे सकते हैं इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार उन्हें NSA नियुक्त करते हैं ताकि देश की सुरक्षा में कोई भी चूक ना हो ।।

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