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धर्मांतरण कानून पर ब्रेक! फेल हुई धामी की सख्त सजा वाली योजना?

उत्तराखण्ड

धर्मांतरण कानून पर ब्रेक! फेल हुई धामी की सख्त सजा वाली योजना?

उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान करने वाले धामी सरकार के महत्वाकांक्षी विधेयक पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2025 को मंजूरी देने के बजाय पुनर्विचार के लिए राज्य सरकार को वापस लौटा दिया है. इससे सरकार की उस कोशिश को झटका लगा है, जिसमें धर्मांतरण के मामलों में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया था. जिसपर फिलहाल के लिए ब्रेक गया है…क्योंकि  उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने राज्य सरकार के धर्मांतरण संशोधन बिल को वापस लौटा दिया है। इस बिल का नाम ‘उत्तराखंड स्वतंत्रता धर्म (संशोधन) विधेयक, 2025’ है। राज्यपाल ने इसे तकनीकी गलतियों, व्याकरण की त्रुटियों और सजा के नियमों में समस्याओं की वजह से वापस भेजा है। यह बिल अगस्त 2025 में राज्य विधानसभा में पास हुआ था। कैबिनेट ने 13 अगस्त को इसे मंजूरी दी थी और विधानसभा ने 20 अगस्त को इसे पारित किया था। बिल का मकसद जबरन धर्मांतरण पर सख्त सजा देना है। इसमें सजा को बढ़ाकर 3 से 10 साल तक की जेल किया गया है। गंभीर मामलों में, जैसे झूठे वादे से शादी करके या बलपूर्वक धर्म बदलवाने पर, 20 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
बिल में यह भी प्रावधान है कि अब कोई भी व्यक्ति शिकायत दर्ज करा सकता है, पहले सिर्फ करीबी रिश्तेदार ही कर सकते थे। साथ ही, अवैध धर्मांतरण से जुड़ी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार जिला मजिस्ट्रेट को दिया गया है। यह संशोधन 2018 के मूल कानून और 2022 के संशोधन पर आधारित है, जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने बनाया था।
राज्यपाल के इस फैसले से बिल लागू होने में देरी हो गई है। सरकार के पास अब दो विकल्प हैं: या तो अध्यादेश जारी करके इसे लागू करे या अगली विधानसभा सत्र में फिर से पेश करके पास कराए। एक अधिकारी ने बताया कि बिल में कुछ व्याकरण और तकनीकी गलतियां हैं, इसलिए इसे दोबारा तैयार करना पड़ेगा। कांग्रेस नेता सुर्यकांत ने कहा कि यह फैसला 2027 के चुनावों को ध्यान में रखकर लिया गया है, ताकि मुद्दा चर्चा में बना रहे। हालांकि, सरकार ने अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

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