रानीखेत
धूमधाम से मनाया गया उत्तैरणी पर्व,तैयार किये गये घुघुते(बच्चों ने घुघुतों की माला पहनकर -काले कौवा काले घुघुती बौणा खाले कहकर कौवों को बुलाया)
रानीखेत। देवभूमि उत्तराखंड के ग्रामीण अंचलों में मकर संक्रांति उत्तरैणी पर्व धूमधाम से मनाया गया। मकर संक्रांति पर गाँवों में प्रातःकाल बच्चों ने जल्दी उठकर स्नान आदि करके नये नये परिधान पहनकर गाँवों में अपनी अपनी टोलीयों के साथ भ्रमण करके बड़ो का आशीर्वाद लिया। और बच्चों को सभी घरों से मिठास प्रेम पावनता का प्रतीक गुड़ भेंट किया गया। त्यौहारों में बच्चों की उमंग हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। देवभूमि में बच्चों ने गाँवों में भ्रमण कर सभी का आशीर्वाद लिया। उत्तरैणी पर घुघुते बनाने की परंपरा के अनुसार सभी घरों में घुघुते तैयार किये गये।
घुघुते अपने स्वादिष्ट गुण के लिए काफी प्रख्यात हैं घुघुते तैयार करने के लिए सर्वप्रथम बच्चों द्वारा एकत्रित गुड़ मिलाकर गर्म पानी तैयार किया जाता है जिसे कुछ स्थानों पर गुड़ का पाग भी कहा जाता है फिर आटे में अपनी अपनी इच्छानुसार सौंफ सूजी आदि मिलाकर गुड़ के उबले पानी के साथ आटे को खूब गूंथा जाता है और फिर तैयार किये जाते घुघुते।अब तैयार घुघुतों को तेल में तला जाता है फिर पककर तैयार हो जाते हैं घुघुते।बच्चों ने घुघुतों की माला पहनकर “काले कौआ काले घुघुती बौणा खाले” कहकर कौओं को बुलाया। बच्चे इनकी माला पहनकर कौओं को बुलाते हैं तो सभी इन स्वादिष्ट घुघुतों का आनंद लेते हैं और दूर दूर तक अपनी पहुंच बनाने में भी घुघुते सफल होते हैं। देवभूमि उत्तराखंड के ग्रामीण अंचलों में मकर संक्रांति,उत्तरैणी पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया।