हल्द्वानी
गौलापार में हाई कोर्ट बनाने के सपने दिखाये लेकिन अब टूट गए सपने: यहां बन सकता है नया हाईकोर्ट ।।
लोगों के उम्मीद टूटी
हल्द्वानी – अब गौलापार में नहीं बनेगा हाईकोर्ट जी हां मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आदेश में कहा है कि हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में जहां हाईकोर्ट के लिए जगह चिह्नित है, वहां 75 फीसदी वन भूमि है और घना जंगल है। वहां पेड़ काटने के बाद हाईकोर्ट की स्थापना उचित नहीं है।
हाईकोर्ट यहां बनाने के पक्ष में नहीं खुद हाईकोर्ट
हाईकोर्ट इसके पक्ष में नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा है कि नैनीताल में वादकारियों और युवा अधिवक्ताओं को होने वाली कठिनाइयों, चिकित्सा सुविधाओं और कनेक्टिविटी की कमी के अलावा कोर्ट में 75 प्रतिशतसे अधिक मामलों में राज्य सरकार के पक्षकार होने और अधिकारियों, कर्मचारियों के नैनीताल हाईकोर्ट आने में टीए एवं डीए में होने वाले खर्च को देखते हुए उच्च न्यायालय को स्थानांतरित करना आवश्यक है।
जहां चिकित्सा सुविधाएं और बेहतर कनेक्टिविटी वही बनेगा हाईकोर्ट
उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए हाईकोर्ट को नैनीताल से स्थानांतरित करने के मुद्दे को शीघ्र निपटाने के लिए हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को उच्च न्यायालय भवन की स्थापना, न्यायाधीशों, न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवास, कोर्ट रूम, कॉन्फ्रेंस हॉल, कम से कम सात हजार अधिवक्ताओं के लिए चैंबर, कैंटीन, पार्किंग स्थल के लिए सबसे उपयुक्त भूमि का पता लगाने का निर्देश दिया है। कहा कि ऐसे स्थल का चयन करें, जहां अच्छी चिकित्सा सुविधाएं और बेहतर कनेक्टिविटी हो।
अब यहां बन सकता है हाईकोर्ट
तो इससे साफ है कि अब गौलापार क्षेत्र में जिस हाई कोर्ट के बनने की हवा चल रही थी वह अब यहां नहीं बनेगा ।।कुछ लोगों के अनुसार ऋषिकेश या सीएम धामी के गृह क्षेत्र खटीमा के आस पास नया हाई कोर्ट बन सकता है ताकि धामी की राजनीतिक जमीन आगे के लिए भी सुरक्षित हो सके अगर ऐसा होता है तो यह विवाद का कारण बन सकता है ।।
इन लोगों के टूट गए सपने
हाईकोर्ट आने की बातों को लेकर यहां जमीन खरीदने वालों की लाइन लग गई थी और इससे जमीन के रेट में भी काफी उछाल आ गया था लेकिन अब जमीन के कीमत में कुछ कमी आ सकती है ।।