उत्तराखण्ड
खनन कारोबारियों की उपेक्षा,,,,
गौला नदी में खनन कारोबार से जुड़े हजारों लोगों की आजीविका पर प्रशासन की उपेक्षा और अव्यवस्थाओं की धूल जम गई है। बदहाल सड़कों पर वाहनों की आवाजाही और उससे उठने वाली धूल से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। खनन कारोबार से अपने घरों का चूल्हा जला रहे श्रमिकों और डंपर चालक-संचालकों के सामने ट्रांजिट समय पर नहीं कटने और खनन स्थल से निकासी गेट तक बदहाल सड़कों के कारण रोजगार को लेकर संकट पैदा हो गया है। खनन सामग्री से भरे ट्रक क्षतिग्रस्त सड़क पर चलते हैं और हादसों का खतरा रहता है। सड़क पर उठने वाली धूल से श्रमिक, बुग्गी और डंपर संचालक सांस और अस्थमा जैसे रोगों की चपेट में आ रहे हैं। खनन कारोबारियों और डंपर संचालकों का कहना है कि कुमाऊं से राज्य सरकार के मुख्य राजस्व का साधन होने के बावजूद उनकी मांगों और समस्याओं पर सरकार और वन निगम का ध्यान नहीं है। बोले हल्द्वानी की टीम जब खनन कारोबार से जुड़े वाहन मालिक और चालकों के पास पहुंची तो उन्होंने खुलकर अपनी समस्याएं बताई और सुझाव भी दिए।











