उत्तराखण्ड
पटवारी राज,,,,,
देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद राज्य सरकार ने छह माह में पटवारी राज समाप्त करने का निर्णय लिया था लेकिन दो साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्रों में कानून का राज स्थापित नहीं हो सका है।
सरकार ने पहले चरण में छह नए थाने और 20 पुलिस चौकियां खोली, उसके बाद से दूसरा चरण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है,
पटवारी क्षेत्र में कोई चैकिंग पॉइंट नहीं होना, महिलाओं के खिलाफ अपराध, बेनाप भूमि पर अतिक्रमण, खनन, तेज रफ्तार गाड़ियों का चलना, स्कूली छात्रों से छेड़छाड़, शाम होते ही शराबियों का हुड़दंग आदि कानून व्यवस्था संबंधी परेशानियां है
आयोग को बताया गया है कि राज्य में जिन जगहों पर पटवारी राज है, वहां अन्य क्षेत्रों के अपराधियों के लिए छिपना और फरारी काटना आसान है।











