उत्तराखण्ड
धरती पर लगातार बड़ रहा तापमान पर्यावरण के लिए खतरा है इसे रोकना होगा।
श्रीनगर गढ़वाल – आज धरती पर तापमान में बढ़ोत्तरी इंसानी गलतियों का नतीजा है ,उत्तराखंड की धरती पर बन रहे सैकड़ों डैम, विकास के नाम पर अंधाधुंध कट रहे पेड़, पहाड़ों की सड़कों पर दिन प्रतिदिन बड़ रहे दो पहिया तिपहिया और चौपहिया वाहन, कोयला ,लकड़ी, पराली, का जलाना ईंट भट्टों और बिजली बनाने के लिए कोयले का इस्तेमाल है धरती को जननी कहते हैं। धरती हमें श्वास, जल और भोजन देती है। हालांकि इंसान पृथ्वी से प्राप्त तत्वों का भरपूर दोहन कर रहे हैं और उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। दिन पर दिन पृथ्वी और इसका वातावरण दूषित हो रहा है। ऐसे में विश्व प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को अर्थ डे यानी पृथ्वी दिवस मनाता है। पृथ्वी दिवस मनाने का उद्देश्य वातावरण को संरक्षित करने के लिए लोगों को जागरूक करना है। इस दिन को मनाने की शुरुआत अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में की थी। पर्यावरणीय खतरे को कम करने के लिए लोग पृथ्वी द्वारा प्रदत्त चीजों को शुक्रिया किया जाना चाहिए और पृथ्वी दिवस पर प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। पृथ्वी दिवस के मौके पर अपने परिवार, रिश्तेदार, दोस्तों और करीबियों को प्रकृति को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से पर्यावरण शिक्षा दें। हमें ट्रेडिशन की बजाय सजावट वाले पौधे नहीं लगाने चाहिए, बल्कि उन पेड़ पौधों को बढ़ावा देना होगा जो पर्यावरण को संतुलित रखते हैं, अगर जीव जगत को बचाना है तो हमें उपरोक्त माध्यमों का विकल्प तलाशना होगा, इसके लिए कोयले की बजाय पानी वाली बिजली तैयार करें ,सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करें वाहनों में इलेक्ट्रिक को महत्ता दें, बर्निग मामलों को रोकें और कुदरती खेती को तवज्जो दें इसके साथ ही जितना सम्भव हो सके ,पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए शो वाले नही बल्कि ट्रेडिशन पेड़ पौधों को लगाएं, ऐसा करने से हवा पानी मिट्टी शुद्ध होगी ,इससे तापमान संतुलित होगा और हम प्रदूषण पर नियंत्रण कर सकेंगे, विश्व धरती दिवस की बधाई शुभकामनाएं।