लोक संस्कृति
संस्कृति विभाग ने कलाकारों की ग्रेडिंग कर दी तय : ग्रेडिंग के बाद कलाकारों में हो रहा ये विवाद ।।
संस्कृति विभाग के ऑडिशन में अब कलाकारों रुचि हो रही है कम
देहरादून – उत्तराखंड में एक चर्चा खूब होती है कि सरकार पहाड़ की संस्कृति बचाने के लिए क्या कर रही है लेकिन संस्कृति विभाग के ऑडिशन में अब कलाकार प्रतिभाग ही नहीं करना चाहते , जब से यूट्यूब की दुनिया आई है उसने कलाकारों को आत्मनिर्भर बनाया है ।।
इस साल कुल 96 लोक कलाकारों में मिली ग्रेडिंग
हम यह इसलिए कह रहे हैं क्योंकि संस्कृति विभाग ने प्रदेश के सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रम के साथ सांस्कृतिक आयोजनों और कौथिगों में प्रस्तुति के लिए जाने वाले लोक कलाकारों की ग्रेडिंग तय की है। इस साल कुल 96 लोक कलाकारों को ए और बी श्रेणी की ग्रेडिंग दी गई है। इसी के साथ नौ सांस्कृतिक दल भी पंजीकृत हुए हैं।
कुछ कलाकार ग्रेडिंग से हैं नाराज
लेकिन कुछ कलाकारों का मानना यह है कि सरकार पहाड़ी संस्कृति के संरक्षकों के लिए शहर के लोगों को प्रमुखता दे रही है और पहाड़ में रहने वाले कलाकारों को अनदेखा कर रहे हैं, वहीं पंजीकृत हुए कलाकार इस वर्ष प्रदेश में होने वाले विभिन्न आयोजनों में संस्कृति विभाग की ओर से भेजे जाएंगे। लोक कलाकारों की ग्रेडिंग के लिए हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र गढ़ी कैंट में ऑडिशन रखे थे। संस्कृति निदेशालय के ऑडिशन में करीब डेढ़ सौ से अधिक कलाकारों ने हिस्सा लिया था ।। दून से सर्वाधिक 42 कलाकार संस्कृति विभाग में पंजीकृत हुए हैं। जिसमें पांच को ए ग्रेड और बाकी कलाकारों को बी ग्रेड मिली है। टिहरी से 22 लोक कलाकार पंजीकृत हुए हैं। जिसमें चार को ए ग्रेड मिली है। इसके अलावा अल्मोड़ा से एक, पौड़ी से दो, नैनीताल, पिथौरागढ़ से एक- एक कलाकार को ए ग्रेड मिली है।उत्तरकाशी, बागेश्वर, चंपावत,चमोली से एक भी कलाकार को ए ग्रेड नहीं मिली है। 96 में से 14 को ए और 82 को बी ग्रेड दी गई है।
इतना मिलता है कलाकारों को प्रोग्राम में पैसा
संस्कृति निदेशक की जानकारी के अनुसार कलाकारों को नियमानुसार कार्यक्रम आवंटित किए जाएंगे। ग्रेड निर्धारण के बाद कलाकारों की नजर सालाना सांस्कृतिक कैलेंडर पर है। ए-ग्रेड कलाकारों को संस्कृति विभाग से प्रति प्रस्तुति सात हजार पांच सौ रुपये भुगतान, बी-ग्रेड कलाकारों को चार हजार दो सौ पचास रुपये भुगतान होता है। संगीतकारों को भी उतना ही मिलता है। इसके अलावा सांस्कृतिक दल के दलनायक को एक हजार व अन्य कलाकारों को आठ सौ रुपये दिए जाते हैं।
सरकारी धनराशि से खुश नहीं होते अनेक कलाकार
सरकारी धनराशि कम होने के कारण सांस्कृतिक विभाग में बहुत कम कलाकारों ने प्रतिभाग किया था जहां अनेक निजी कार्यकर्मों में कलाकारों को सम्मान पूर्वक पैसा मिलता है वहीं यह सरकारी धनराशि कम लगती है ।।
यह हैं ग्रेड A के कलाकार
आपको बता दें उत्तराखंड के इन कलाकारों को मिला है ए ग्रेड रैंक जिसमें प्रवीण कुमार, काजल, डबलू आर्य, ललित कुमार, अंशु वर्मा , महिपाल मेहता , दिलीप अंजवाल, सूर्यपाल श्रीवाण, सीमा पगरियाल, रेशमा शाह राकेश खनवाल , चंद्रप्रकाश, सतीश कुमार, महिमा उनियाल शामिल हैं।।