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दंगे में धारदार हथियार से फाड़ा गया अलबशर का पेट नहीं बचा पाए डाक्टर।

हल्द्वानी

दंगे में धारदार हथियार से फाड़ा गया अलबशर का पेट नहीं बचा पाए डाक्टर।

हल्द्वानी- 8 अगस्त की शाम एक शांत शहर को पता नहीं किसकी नजर लग गई अमन और चेंन से रहने वाले लोग बेचेंन हो गए। हल्द्वानी के दंगे की रात बनभूलपुरा में किसी ने सब्जी बेचने वाले अलबशर पर कातिलाना हमलाकर दिया। धारदार हथियार से उसका पेट फाड़ डाला, जिससे उसकी आंतें बाहर आ गई। आनन-फानन में परिजन उसे एसटीएच ले गए। 17 दिन चले इलाज और कई ऑपरेशन के बाद भी उसकी जान नहीं बच सकी। घटना किन परिस्थितियों में और किसने की, पुलिस इसकी जांच कर रही है।

बनभूलपुरा नई बस्ती ताज म​स्जिद निवासी 18 वर्षीय अलबशर पुत्र अब्दुल माजिद सब्जी बेचता था। बनभूलपुरा में ठेले से फेरी लगाकर परिवार की आर्थिकी में सहयोग करता था। लाइन नंबर 16 नई बस्ती में रहने वाले अलबशर के चाचा मो. नाजिम ने बताया, दंगे की रात करीब 8 बजे अलबशर ठेला लेकर घर लौट रहा था। तभी किसी ने खबर दी कि अलबशर लाल मस्जिद के पास घायल पड़ा है। उसका पेट फटा है और आंतें बाहर आ गई हैं।

आनन-फानन में अब्दुल माजिद मौके पर पहुंचे और गंभीर रूप से घायल हो चुके बेटे अलबशर को डा.सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय लेकर पहुंचे। आनन-फानन में अलबशर का उपचार शुरू किया गया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और रविवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। अलबशर के चाचा नाजिम का कहना है कि उस पर हमला किसने किया, कुछ नहीं पता। इधर, मौत की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सोमवार को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।

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