उत्तराखण्ड
इंडो नेपाल ड्राईपोर्ट निर्माण कार्य होगा शुरू।
रिपोर्ट – अशोक सरकार
चंपावत जनपद की बनबसा भारत नेपाल सीमा पर इंडो नेपाल सहयोग से बनने वाले सूखा बंदरगाह (ड्राई पोर्ट) के निर्माण कार्य में आ रही भूमि स्थानांतरण आदि की सभी दिक्कतों को दूर कर लिया गया है जल्द ही ड्राईपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा ड्राईपोर्ट को जोडने के लिए भारत से बन रही चार किमी हाईवे सड़क निर्माण को लेकर भारत सरकार वर्तमान में भूमि स्वामियों को मुआवजा देने की कार्यवाही कर रहा है वही नेपाल ने भी ड्राइपोर्ट को जोड़ने हेतु आठ किमी का हाइवे तैयार कर लिया है और 800 मीटर लंबा व 23.8 मीटर चौड़ा फोरलेन पुल भी तैयार कर लिया है इसी पुल से भारत से आ रहे फोरलेन हाईवे को जुड़ना है, भारत की ओर से करीब चार किमी लम्बी फोरलेन सड़क का निर्माण होना है जो कि बनबसा क्षेत्र के पचपकरिया, गुदमी, देवीपुरा गांव से होते हुए गुजरेगा, इसके लिए इन तीन गांवों की 8.0878 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण हेतु 9.22 करोड़ का मुआवजा दिया जाना है, कार्यदायी संस्था ने मुआवजे देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ज्ञात हो कि नेपाल सीमा पर बन रहे सूखा बंदरगाह ( ड्राई पोर्ट ) से भारत नेपाल के बीच व्यापार में नए अवसर पैदा होगें, ड्राई पोर्ट के निर्माण से न सिर्फ व्यापार का दायरा बढेगा बल्कि बडी़ मात्रा में दोनाें देशों के बीच सामान का आयात-निर्यात भी हो सकेगा वर्तमान में नेपाल के व्यापारियों को बनबसा ओर भारत के व्यापारियों को कंचनपुर तक ही व्यापार करने की अनुमति है सूखा बंदरगाह बनने के बाद भारत का सामान पश्चिम नेपाल तक निर्यात किया जा सकेगा इससे नेपाल से लगे उत्तराखंड में भी रोजगार और व्यापार के अवसर बढे़गें, नेपाल सीमा से लगी भारत की सीमा में 40 हेक्टेयर भूमि में नेपाल में बन रहे ड्राईपोर्ट को लेकर भारत की सीमा में कस्टम, इमिग्रेशन चेकपोस्ट और सुरक्षा-जांच चौकियों की संयुक्त चौकी का निर्माण होगा इसके लिए भी भूमि का चयन किया जा चुका है, टनकपुर के उप जिलाधिकारी हिमांशु काफलटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि ड्राई पोर्ट निर्माण कार्य हेतु वन भूमि स्थानांतरण एवं फोरलेन मार्ग निर्माण हेतु भूमि स्थानांतरण का कार्य पूरा हो चुका है वन भूमि स्थानांतरण की प्रक्रिया अभी जारी है जल्द ही क्षेत्र के विकास हेतु ड्राईपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।