धर्म-संस्कृति
रिकॉर्ड तोड़ेगी सरयू नदी के तट पर भगवान राम की 823 फुट ऊंची मूर्ति।
अयोध्या नगरी में श्री राम की राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं. 22 जनवरी को वह ऐतिहासिक पल होगा, जब सदियों बाद रामलला फिर से भवन में विराजेंगे. इस ऐतिहासिक पल को और ज्यादा खास बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और तैयारी शुरू कर दी है. राम मंदिर में प्रतिष्ठित होने वाले रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान राम का एक विशालकाय स्वरूप भी देखने को मिला करेगा. दरअसल सरयू नदी के तट पर भगवान राम की 823 फुट ऊंची मूर्ति लगाने की तैयारी की जा रही है, जो दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति के अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी
चल रहा है मानेसर में मूर्ति का निर्माण
पूरी दुनिया की निगाहें इस समय अयोध्या पर लगी हुई हैं. ऐसे में यहां दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति की स्थापना इस चर्चा को एक अलग ही स्तर पर पहुंचा देगी. भगवान राम की इस मूर्ति को तैयार करने का काम हरियाणा के प्रसिद्ध मूर्तिकार नरेंद्र कुमावत को मिला है, जिनकी देखरेख में फिलहाल हरियाणा के मानेसर स्थित एक फैक्टरी में यह मूर्ति बनाई जा रही है.
3,000 करोड़ रुपये की कीमत से बनेगी पंच धातु से बनी मूर्ती
823 फुट ऊंची भगवान राम की यह मूर्ति पांच पवित्र धातुओं के मेल से बनेगी. इसमें 80% तांबा होगा. जिसकी कीमत पूरा होने के बाद करीब 3,000 करोड़ रुपये होगी. इसका वजन करीब 13,000 टन होगा. फिलहाल इसका 10 फुट ऊंचा प्रोटोटाइप तैयार किया गया है और फाइनल बजट को मंजूरी मिलने का इंतजार चल रहा है.
सरदार पटेल के स्टैच्यू का टूट जाएगा रिकॉर्ड
भगवान राम की यह मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होगी. यह रिकॉर्ड फिलहाल गुजरात के केवडिया में नर्मदा सागर बांध के किनारे स्थापित सरदार पटेल के 790 फुट ऊंचे स्टैच्यू के नाम है।
80 फीसदी हिस्सा चीन में बनेगा
भगवान राम की मूर्ति का 70 से 80 फीसदी अहम हिस्सा चीन में बनाया जाएगा. नरेश कुमावत का दावा है कि अगर उन्हें बजट की फाइनल मंजूरी मिल जाती है तो भगवान राम की प्रतिमा पहली पूरी तरह स्वदेशी प्रतिमा होगी जो इतनी ऊंची बनाई जाएगी.