उत्तराखण्ड
यादों के झरोखे से – एक जमाने में देहरादून लोकसभा सीट भी हुआ करती थी. जानें देहरादून लोकसभा सीट की कहानी ।।
देहरादून – ज्यादातर राज्यों में राजधानी के नाम से लोकसभा सीट तो अवश्य है लेकिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के नाम से कोई लोकसभा सीट नहीं है लेकिन क्या आपको पता है एक दौर ऐसा भी था जब देहरादून नाम से एक संसदीय सीट हुआ करती थी और इसका क्षेत्र भी काफी बड़ा था मगर बदलते समय के साथ-साथ इसका अस्तित्व आज समाप्त हो चुका है। उत्तर प्रदेश से पृथक होकर उत्तराखंड बनने के बाद भले ही प्रदेश की राजधानी देहरादून के नाम से संसदीय सीट न हो, लेकिन एक जमाने में देहरादून के नाम से संसदीय सीट अस्तित्व में रही।
अविभाजित उत्तर प्रदेश में 25 वर्ष यानी वर्ष 1952 से लेकर वर्ष 1977 तक देहरादून लोकसभा सीट हुआ करती थी फिर 1977 में हरिद्वार संसदीय सीट के अस्तित्व पर आने के बाद यह सीट समाप्त हो गई। वर्तमान में देहरादून जिले का बड़ा हिस्सा टिहरी संसदीय सीट, जबकि शेष हरिद्वार सीट में है।
स्वतंत्र भारत के वर्ष 1951-52 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में देहरादून एक अलग संसदीय सीट हुआ करती थी। इसका पूरा नाम
देहरादून जिला-बिजनौर जिला (उत्तर-पश्चिम)-सहारनपुर जिला सीट था।