राष्ट्रीय
अब पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में देश के आंतरिक मामलों में होने जा रहा यह बड़ा बदलाव ?
देश का अगला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कौन होगा ?
नई दिल्ली – मोदी सरकार की नई कैबिनेट बन गई है और मोदी सरकार ने सभी अहम विभाग अपने पास रखे हैं लेकिन अब सरकार बनने के बाद सवाल यह है कि देश का अगला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कौन होगा ?क्योंकि अजीत डोभाल रिटायर होने वाले हैं ऐसे में अब कौन होगा मोदी के लिए संकट मोचक , आख़िर कौन होगा मोदी का वह सिपाही जिससे पूरी दुनिया कांपेगी ,आखिर कौन होगा वह व्यक्ति जो पाकिस्तान और चीन जैसे देशों को उनकी हैसियत बता देगा ,क्योंकि पिछली बार NSA रहे अजीत डोभाल ने पूरी दुनिया में भारत की एक नई छवि पेश की थी और दुनिया को बता दिया था कि भारत अब नया भारत है भारत अब किसी के सामने घुटने टेकने वाला नहीं ,, अजीत डोभाल ने देश के लिए कुछ ऐसे कार्य किए जिससे वह देश में हमेशा चर्चाओं में रहते थे । सवाल अब यह है कि अगला NSA कौन हो सकता है लेकिन उससे पहले यह जान लेते हैं अजीत डोभाल की चर्चा इतनी क्यों होती है ,
अजित डोभाल एक जीवन परिचय
बालाकोट एयर स्ट्राइक हो, सर्जिकल स्ट्राइक हो या कश्मीर में कोई उठापटक…. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का जिक्र जरूर आता है.सबसे कम उम्र के युवा आईपीएस अफसर अजित डोभाल के दिमाग का लोहा दुश्मन देश भी मानते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को इंडिया का जेम्स बांड भी कहा जाता है. इसके पीछे इस आईपीएस अफसर के मास्टर माइंड को वजह माना जाता है. आपको बता दें कि वह एक ऐसे भारतीय हैं, जो खुलेआम पाकिस्तान को चेतावनी देने से गुरेज़ नहीं करते.अजीत डोभाल देवभूमि उत्तराखंड के रहने वाले है। 20 जनवरी, 1945 को पौड़ी गढ़वाल में उनका जन्म हुआ था ।
आखिर NSA होता क्या है ?
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का वरिष्ठ अधिकारी होता है। एनएसए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर भारत के प्रधान मंत्री का मुख्य सलाहकार होता है। आपको बता दें कि भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भारत के वरीयता क्रम में सातवें स्थान पर होता है और उसे कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है।मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में देश के आंतरिक मामलों में कुछ बदलाव लाने की बात की जा रही है, ऐसे में उनका नया संकट मोचक कौन होगा? आखिर डोभाल की जगह कौन लेगा, इस पोस्ट के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं.
सुरक्षा सलाहकार की क्या है भूमिका
इससे पहले यह जान लेना चाहिए कि देश में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की क्या भूमिका रही है? और क्यों यह पद अहम माना जाता है? यह एक संवैधानिक पद है. प्रधानमंत्री का विश्वसनीय अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होता है. रणनीतिक मामलों में या पड़ोसी देशों की ओर से खतरों के मामलों में, आंतरिक सुरक्षा के मामलों में वे प्रधानमंत्री की मदद करते हैं और सलाह देते हैं. वह बताते हैं कि क्या फैसले लिए जाने चाहिए और भारत के हित में क्या ठीक होगा. वह प्रधानमंत्री को दुनिया भर के राजनीतिक मामलों को लेकर आगे का रोडमैप भी देते हैं.
मोदी के पीछे अजीत डोभाल की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी की जो विश्व नेता के रूप में छवि बनी उसमें भी अजीत डोभाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी . हालांकि उन्होंने अपने सारे काम स्टेज के पीछे रहकर किए. उरी की सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा हमले के बाद बालाकोट और साइबर टेरर जैसे मामलों में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी.
यह बन सकते हैं नए NSA
इसलिए उनकी जगह कौन होगा, इसकी चर्चा काफी चल रही है. इनमें सबसे ऊपर नाम आरएन रवि का है, जो कि फिलहाल तमिलनाडु के राज्यपाल हैं. वे भी इंटेलीजेंस ब्यूरो में रहे हैं. दूसरा नाम विदेश मंत्री एस जयशंकर का है. और तीसरा नाम आलोक जोशी का है, जो कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के हेड रह चुके हैं. यह तो तय नहीं कि इनमें से ही किसी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका दी जाएगी या कोई और इस पर को संभालेगा, अब लगता है कि अजीत डोभाल ने पीएम मोदी के लिए जो संकट मोचक की भूमिका निभाई थी, उससे भी बड़ी भूमिका नए NSA निभाएंगे, क्योंकि मोदी वहीं चुनते हैं जिसमें दम होता है ।।