राजनीति
क्या हरक सिंह रावत के घर पर ED की छापेमारी से डर गई अनुकृति गुसाईं को थामना पड़ा भाजपा का हाथ ? हजारों पेड़ों के अवैध रूप से काटने पर सामने आया था रावत परिवार का नाम ।।
देहरादून-उत्तराखंड की राजनीति में हरक सिंह रावत परिवार का नाम बहुत चर्चाओं में रहता है राजनीतिक अनुभव के साथ-साथ यह परिवार कभी बीजेपी में तो कभी कांग्रेस में शामिल होते रहता है ससुर जी के ही गुण अब अनुकृति में भी देखे जा रहे हैं प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी से घबराए हरक सिंह की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं भी भाजपा में शामिल हो गई। सूत्रों की माने तो ससुर हरक सिंह भी भाजपा का दामन थाम चुके हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
2022 के विधानसभा चुनाव में हरक सिंह समेत उनकी पुत्रवधू ने भाजपा को छोड़ कांग्रेस का दामन थामा था। वह लैंसडाउन विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ी थी और ‘सम्मानजनक’ वोटों से उनकी हार भी हुई थी। इसके बाद हरक सिंह रावत के वन मंत्री रहने के दौरान टाइगर रिजर्व घोटाले सामने आए, हजारों पेड़ों को अवैधरूप से काटा गया। इसी मामले के बाद में सीबीआई, विजिलेंस और ईडी की छापेमारी हरक सिंह और उनके करीबियों पर हुई।
बताया जा रहा है कि वह ED के डर के कारण वह बीजेपी में शामिल हो गई है।वहीं उनके साथ उधमसिंहनगर की जिलापंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। देहरादून में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दिलाई सदस्यता।