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उत्तराखंड में फिर पकड़ा गया भ्रष्टाचार : सीएम धामी के विभाग में पहचान से हुई भर्ती ? आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल बलूनी ने कर दिया बड़ा खुलासा ।।

उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में फिर पकड़ा गया भ्रष्टाचार : सीएम धामी के विभाग में पहचान से हुई भर्ती ? आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल बलूनी ने कर दिया बड़ा खुलासा ।।

आपने उत्तराखण्ड में नकल माफियाओं की कहानी खूब सुनी होगी । आपने फिर नकल माफियाओं के लिए बनते कानून भी देखे होंगे । आपने नौकरियों में हो रहे भ्रष्टाचार को करीब से महसूस भी क्या होगा , अगर आप नौकरी की तैयारी करते हैं तो उस सिस्टम से आपकी नाराजगी भी होगी। लेकिन फिर एक बार उत्तराखंड में नकल माफिया और पावर माफिया सक्रिय हो गए हैं , योग्यता के आगे यह माफिया तंत्र ज्यादा ताकतवर दिखाई देता है, भ्रष्ट सिस्टम और जान पहचान की पावर बड़ गई है ।।


एक ऐसा ही नया भ्रष्टाचार उजागर हुआ है उत्तराखंड सरकार के एक विभाग में, हैरानी की बात तो यह है कि यह विभाग उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अंदर ही आता है खबर यह है दोस्तों सरकार द्वारा 29 सितंबर 2023 को ITDA विभाग में 19 भर्ती पद निकाले गए इस विभाग का काम सरकार के आईटी को देखना होता है यह पद निकले गए आउटसोर्स वैकेंसी के जरिए ।। जिसमें तनख्वाह प्रति महीना डेढ़ लाख से 2 लाख के करीब थी और इस विभाग के सचिव है शैलेश बगौली जी इस वैकेंसी के लिए उत्तराखंड के 162 लोगों ने प्रतिभाग किया ।। इसके बाद चयन प्रक्रिया के लिए एक कमेटी बताई गई जिसमें तीन लोग शामिल थे और उनका काम था कि कागज चेक करना ।। कमेटी ने पहले ही राउंड में 123 लोगों को भर्ती परीक्षा से बाहर कर दिया कारण था उनके पास संपूर्ण दस्तावेज सही नहीं होना लेकिन अंत में इसमें चार लोगों का सिलेक्शन हो गया जिसमें नवनीत ,प्रदीप ,अरुण और मीनू पाठक शामिल थे लेकिन हैरानी की बात तो यह है जो बाहर निकले उनके भी कागज एक जैसे ही थे इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है दोस्तों मीनू पाठक 2006 में ग्रेजुएशन करती है और 2006 में ही पोस्ट ग्रेजुएट भी कर लेती है और इसी साल वह अनेक कंपनियों में काम भी करती हैं यह उनके अनुभव प्रमाण पत्र साफ बता रहे हैं और आगे सुनोगे तो सुनो बड़ी बात तो यह है जिस अनुभव की जरूरत इस पद के लिए थी वह अनुभव उनके पास था ही नहीं ,और चारों लोगों के दस्तावेज में भी कमी मिली है यह खुलासा मैं नहीं कर रहा हूं यह खुलासा किया है RTI एक्टिविस्ट अनिल बलूनी ने ।।

अनिल बलूनी उत्तराखंड में अनेक बार इस तरह के खुलासे करते रहते हैं अनिल बलूनी ने बताया कि विभाग के डायरेक्टर से वह मिले तो उन्होंने कहा कि इस मामले की हमें जानकारी नहीं थी इस पर हम काम करेंगे और पहले महीने की सैलरी रोक दी है ।। लेकिन RTA एक्टिविस्ट अनिल बलूनी का कहना है कि सभी दस्तावेजों में डायरेक्टर मैम के साइन हैं अनिल बलूनी ने बताया कि उन्होंने सचिव साहब से भी संपर्क करने की अनेक कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया अब वह इस लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार हैं और कोट जाना पड़ेगा तो जाएंगे ।।

हम देखते हैं उत्तराखंड में बॉबी पंवार जैसे लोगों ने अनेक भ्रष्टाचार करने वाले लोगों की पोल खुली थी इसके बाद बड़े कानून बना दिए गए थे और कहा जा रहा था कि अब जुगाड़ से कार्य नहीं होगा, योग्यता के आधार पर चयन होगा ।। लेकिन यह तो बस कहने वाली बातें हैं ।। बड़ी बात तो यह है इस मामले का खुलासा होने के बाद भी कुछ सोशल मीडिया चैनलों को छोड़ दें तो किसी भी अख़बार ने बात नहीं की ना ही किसी news चैनल ने ख़बर दिखाई।। यह पहाड़ में अंधेरा फैला रहे हैं उन युवाओं की जिंदगी में जिनके सपने हैं नौकरी करने के ।। क्या गुजरती होगी उन पर जब उनके भी डॉक्यूमेंट एक समान होते हैं और वह बाहर हो जाते हैं जान पहचान वाले लोग चयनित हो जाते हैं RTA एक्टिविस्ट अनिल बलूनी ने तो यहां तक बताया की जिन लोगों का सिलेक्शन हुआ वह पहले ही सचिव साहब के साथ अलग क्षेत्र में काम कर चुके हैं या उनके साथ अच्छा संपर्क रह चुका है ।। क्या इसके पीछे की क्या कहानी हो सकती है आप खुद बताइए और इस अंधेरे को आगे फैलने से बचाइए तब हम पहाड़ बचाएंगे ।।

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