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भ्रष्टाचार की कहानी देखने अब बिहार मत जाइए, आइए उत्तराखंड के भीमताल।

उत्तराखण्ड

भ्रष्टाचार की कहानी देखने अब बिहार मत जाइए, आइए उत्तराखंड के भीमताल।

पहाड़ के विकास कार्यों में कितना बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है आप केवल इस मामले से ही समझ सकते हैं यह खबर है नैनीताल जिले के भीमताल विधानसभा के ओखलकांडा ब्लॉक की, जहां 1.55 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन पैदल पुल (सोमवार) दोपहर बीचों बीच से अचानक टेढ़ा होकर नदी के ऊपर लटक गया। जो कहानी हम पहले बिहार में सुनते थे वह अब नैनीताल में होने लगी ।। इस घटना से कुछ देर पहले तक मजदूर पुल पर काम कर रहे थे। शुक्र रहा कि जब यह घटना हुई, उस वक्त कोई मजदूर पुल पर नहीं था। ऐसे में बड़ा हादसा होने से बच गया। नदी में पुल गिरने की घटना से लोनिवि के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे विभागीय अधिकारियों ने बताया है कि पुल के क्लैंप ढीले रह जाने से यह घटना हुई है। अब सवाल यह है कि पुल के क्लैंप कैसे ढीले रह गए ।।

उधर क्षेत्रीय विधायक राम सिंह कैड़ा ने लोनिवि को निर्देश दिए हैं कि ठेकेदार पुल में किस गुणवत्ता का सामान लगा रहा है, इसकी जांच की जाए।ओखलकांडा क्षेत्र के स्याली गांव में 45 मीटर लंबा लोहे का यह पैदल पुल बन रहा है। करीब 12 से अधिक गांवों को ओखलकांडा ब्लॉक मुख्यालय से जोड़ने के लिए गौला नदी पर यह पुल बनाया जा रहा है। विधायक राम सिंह कैड़ा के कहा ठेकेदार ने पुल निर्माण में किस गुणवत्ता का माल लगाया है, इसकी जांच करने के लिए लोनिवि से कहा है। उन्होंने बताया कि यह पुल के बनने से क्षेत्र के कई गांवों के लोगों को लाभ मिलेगा। लेकिन सवाल तो यह है कि यह लाभ कब मिलेगा और आगे भी किस गुणवत्ता के साथ काम होगा इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। टेंडर तो आज के समय जान पहचान से होते हैं सब ठेकेदार नेताओं के अगल-बगल बैठते हैं तो ऐसे में काम की गुणवत्ता में सवाल उठना लाजिमी है ।।प्रतिपक्ष संवाद से बात करते हुए क्षेत्र के बीडीसी सदस्य रवि गोस्वामी ने कहा “पुल टूटने का प्रमुख कारण घटिया सामग्री का उपयोग करना रहा है। बार-बार कहने के बाद भी विभाग नहीं जगा, जिसके परिणामस्वरूप पुल टूटकर नदी में गिर गया। कहा यदि विभाग ने पहले संज्ञान लिया होता तो यह नौबत नहीं आती। यह ठेकेदार और विभाग की लापरवाही का है। उन्होंने कहा पुल निर्माण के लिए उन्होंने लंबा संघर्ष किया था और विधायक राम सिंह कैड़ा के प्रयासों से पुल स्वीकृत हुआ। पर घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग से विभाग व ठेकेदार ने क्षेत्र की जनता की आशाओं में पानी फेर दिया है”। उन्होंने मामले की जांच उठाई है।

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