स्वास्थ्य
भारत में HMPV वायरस तेजी से सक्रीय।
दिल्ली– HMPV वायरस (ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस) को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। संगठन ने कहा कि यह वायरस नया नहीं है और 2001 में ही इसकी पहचान कर ली गई थी। WHO ने इसे सामान्य वायरस बताते हुए कहा है कि यह सर्दियों और बसंत के मौसम में अधिक सक्रिय होता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर WHO ने पोस्ट करते हुए बताया कि HMPV लंबे समय से लोगों के बीच मौजूद है। यह वायरस मुख्यतः श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और सामान्य जुकाम जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। WHO ने इस वायरस को लेकर घबराने की जरूरत नहीं बताई है।
हाल ही में चीन में HMPV के कई मामले सामने आने के बाद भारत में भी इस वायरस के मरीज मिलने लगे थे। अब तक देश में HMPV के नौ मामले दर्ज किए गए हैं।
बुधवार को मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल में 6 माह की बच्ची में संक्रमण की पुष्टि हुई।
नागपुर: इससे पहले यहां भी दो मामले सामने आए।
कर्नाटक: HMPV का पहला मामला यहीं दर्ज किया गया। अब तक दो केस मिल चुके हैं।
तमिलनाडू में 2
पश्चिम बंगाल और गुजरात: एक-एक मामला।
हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस वायरस को लेकर लोगों से पैनिक न होने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि यह वायरस कोरोना जैसा खतरनाक नहीं है और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है।
HMPV के लक्षण
HMPV वायरस मुख्यतः सर्दी और बसंत के मौसम में फैलता है। इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
सामान्य जुकाम।
खांसी और गले में खराश।
हल्का बुखार।
सांस लेने में दिक्कत।
सावधानी जरूरी, घबराने की जरूरत नहीं
विशेषज्ञों ने कहा है कि यह वायरस कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों और बच्चों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन सामान्य तौर पर यह गंभीर रूप नहीं लेता। विशेषज्ञों ने साफ-सफाई, मास्क पहनने और भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी है।
WHO की प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य मंत्रालय की सतर्कता से यह साफ हो गया है कि HMPV घातक वायरस नहीं है। हालांकि, सावधानी बरतते हुए डॉक्टर से समय पर परामर्श लेना जरूरी है।