उत्तराखण्ड
कर्णप्रयाग : बोर्ड की परीक्षा देने 17 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है: छात्र हो गए हैं परेशान ।
कर्णप्रयाग – जीआईसी चौरासैंण के परीक्षार्थीयों का बोर्ड परीक्षा केंद्र गांव से 17 किलोमीटर दूर बनाया गया है ऐसे में छात्र – छात्राएं को एक परीक्षा देने के लिए 17 किलोमीटर दूरी पैदल तय कर केंद्र तक पहुंचना पड़ता है…दोपहर में परीक्षा खत्म होने के बाद फिर पैदल चलकर घर आते हैं घर पहुंचने में शाम हो जाती है ऐसे में छात्रों को 3 घंटे की परीक्षा देने में पूरा दिन निकल जाता है.. गैरसैंण ब्लॉक व कर्णप्रयाग सीमा से सटे हुए चौरासैंण भटक्याली, कल्याडी़ आदि गांव के 40 बच्चे जीआईसी चौरासैंण में पढ़ते हैं इन छात्रों का बोर्ड परीक्षा केंद्र 17 किलोमीटर दूर देवलकोट में बना दिया गया है परीक्षा देना छात्रों के लिए चुनौती बन चुका है 12वीं की परीक्षा दे रहे छात्रों ने बताया कि सुबह के समय में कोई वाहन नहीं मिलता ..
पेपर 10:00 बजे से शुरू हो जाता है ऐसे में परीक्षा देने के लिए सुबह 6:00 घर से निकल जाते हैं परीक्षा खत्म होने पर दोपहर 1:00 बजे घर को निकलते हैं और शाम 6:00 बजे ही घर पहुंच पाते हैं पेपर देने में पूरा दिन लगता है परिजन आधे रास्ते तक छोड़ने और आधे रास्ते तक लेने के लिए आते हैं.. स्कूल के पीटीए अध्यक्ष राकेश टम्टा, पुष्कर सिंह नेगी का कहना है कि परीक्षा केंद्र बनाने को कई बार मांग की गई है लेकिन विभाग ने मानकों का हवाला देकर लटका दिया है ..बताया कि चौरासैंण में 26 छात्र-छात्राएं 10वीं और 14 छात्र छात्राएं 12वीं में बोर्ड परीक्षा दे रहे हैं हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षाएं तो समाप्त हो गई है मगर इंटर की परीक्षाएं अभी भी चल रही हैं . वहीं शिक्षा विभाग का कहना है कि छात्र-छात्राओं की संख्या मानकों के अनुरूप नहीं है बोर्ड परीक्षा केंद्र के लिए संबंधित स्कूलों में बोर्ड परीक्षा में परीक्षार्थियों की संख्या न्यूनतम 50 होनी आवश्यक है साथ ही स्कूल में भवन और फर्नीचर सहित अन्य व्यवस्थाएं भी होनी चाहिए ..इसमें छात्र-छात्राओं की संख्या मुख्य मानक है ।।