उत्तराखण्ड
भारत के ज्यादातर मजदूरों को मजदूर दिवस का पता नहीं ? मजदूर दिवस- मजदूरों के साथ धोखा कैसे ।।
आज देश मजदूर दिवस मना रहा है सभी श्रमिकों को श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं , लेकिन सवाल है क्या मजदूर दिवस मना देने से मजदूरों के हितों की रक्षा हो पा रही है , या मजदूर दिवस के नाम पर मजदूरों के साथ धोखा किया जा रहा है । सरकार मजदूरों के हितों के लिए दिन रात मेहनत करने की बात करती है तभी तो आज हमारे नेता सुबह-सुबह चाय पीते समय हाथ जोड़कर सभी मजदूरों को मजदूर दिवस की शुभकामनाएं दे रहे हैं। लेकिन सवाल है यह नेता मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए कितनी बार संसद में आवाज उठाते हैं और क्या प्रयास करते हैं , क्या साल में एक बार फावड़ा और दराती देने से मजदूरों का विकास होता है .. या मजदूर दिवस की शुभकामनाएं सोशल मीडिया में लिख देने से मजदूरों के हितों की रक्षा होगी ।। पहले के इतिहास में पढ़ा था कि मजदूरों पर किस तरह से पहले के समय अन्याय हुआ करता था लेकिन हमें क्या ही पता था कि वह स्थिति हम आज देख पाएंगे जब मजदूरों पर हो रहे अन्याय के खिलाफ ना कोई लिख रहा होगा ना कोई खिलाफ बोल रहा होगा .. हर जगह केवल शुभकामनाएं और विश्व मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है लेख छपे होंगे , लेकिन मजदूरों के हितों की बात कहीं भी दिखाई नहीं दे रही , इससे बड़ा दुर्भाग्य मजदूरों के लिए और क्या हो सकता है । और सच कहूं तो ज्यादातर मजदूर को तो यह पता भी नहीं होगा कि आज मजदूर दिवस है तो क्या फायदा ऐसे मजदूर दिवस मनाने का ?
टीवी में इस समय बड़े-बड़े प्रोग्राम चल रहे हैं , हिंदू मुसलमान की डिबेट भी चल रही है लेकिन कोई बेरोजगारी ,मजदूरों के हितों की रक्षा ,मजदूरों पर हो रहे अन्याय, आज के समय में बाल श्रम, कंपनियों में महिलाओं के द्वारा कराया जा रहा 15 घंटे काम ,सैलरी के नाम पर केवल जिंदा रहने के लिए दिए जाने वाले पैसे , इन मुद्दों की बात कोई नहीं कर रहा . उत्तराखंड की बात करूं तो उत्तराखंड में पिछले कुछ सालों में मजदूरों की आर्थिक स्थिति और भी कमजोर हुई है ।। हमारे देश में अनेक प्रकार के मजदूर होते हैं . लेकिन मजदूरों की हालत कहीं भी नहीं सुधरी दिखाई दे रही है,मजदूरों के नाम पर बने कानून भी ढीले और लचीले नजर आते हैं ।।