जगमोहन रौतेला
ग्रामीण किसानों का संकट बढ़ रहा है, लेकिन सरकार सुध नहीं ले रही है : आनंद सिंह नेगी
- 26 से 28 नवंबर को देहरादून में राजभवन के समक्ष किसानों मजदूरों के महापड़ाव में किसान महासभा भी शामिल होगी
- ग्रामीण किसानों का संकट बढ़ रहा है, लेकिन सरकार सुध नहीं ले रही है : आनंद सिंह नेगी
हल्द्वानी-संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सभी प्रदेश राजधानियों में राजभवन के समक्ष 26 से 28 नवंबर को होने जा रहे महापड़ाव में शामिल होने के लिए अखिल भारतीय किसान महासभा की जिला नैनीताल की बैठक दीपक बोस भवन बिंदुखत्ता में हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा कि, मोदी सरकार द्वारा दिसंबर 2021 में भारत के किसानों से किए गए वादों को पूरा करने में विफलता के विरोध में और एमएसपी की गारंटी हासिल करने के संघर्ष को ताकत से उठाने के लिए किसानों मजदूरों का महापड़ाव आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि, मोदी सरकार भारतीय और विदेशी कंपनियों को कृषि और ग्रामीण व्यापार को नियंत्रित करने, महंगे इनपुट बेचने, औने-पौने दाम पर सब फसल खरीदने, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने और खाद्य बाजार पर एकाधिकार जमाने में मदद करने वाली कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों को जारी रखे हुए है। इससे किसान दरिद्र हो रहे हैं, भूमि से बेदखल हो रहे हैं और वे सस्ते श्रम में सिमट गये हैं। जिससे किसान गहरे संकट में हैं और एसकेएम की मांगें जायज़ हैं। ग्रामीण संकट भारत की 69 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करता है। यह किसानों की दुर्दशा को उजागर करता है जो खेती में बढ़ती लागत को सहन करने में असमर्थ हैं। जबकि सरकार द्वारा फॉस्फेटिक उर्वरक की कीमतें 50 प्रतिशत तक बढ़ा दी हैं, यूरिया की आधिकारिक कीमत 270 रुपये प्रति 45 किलोग्राम से दोगुनी कीमत पर खुलेआम कालाबाजारी की जा रही है। भाजपा सरकार विशेष रूप से किसानों को बर्बाद करने के लिए समर्पित है क्योंकि कोई भी भाजपा सरकार किसानों को लागत के लिए कोई सहायता नहीं देती है।
किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, भारत आज 125 देशों में से 111वें स्थान पर है और हर साल इसकी स्थिति गिरती जा रही है। यह केवल कृषि उत्पादन और खरीद में सुधार करके ही ठीक किया जा सकता है। किसान महासभा और संयुक्त किसान मोर्चा, सभी किसानों और लोकतांत्रिक ताकतों से अपील करता है कि वे भारत के किसानों के इन महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने के लिए राज्य की राजधानी देहरादून में महापड़ाव में शामिल हों और स्वामीनाथन फॉर्मूला पर एमएसपी के भुगतान और अन्य मुद्दों के लिए नए सिरे से आंदोलन खड़ा करें।
माले जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने भी भाकपा माले की ओर से किसानों मजदूरों के राजभवन के समक्ष महापड़ाव को समर्थन देने की घोषणा करते हुए सफल बनाने की अपील की।
बैठक में आनंद सिंह नेगी, बहादुर सिंह जंगी, डा कैलाश पाण्डेय, ललित मटियाली, विमला रौथाण, आनंद सिंह सिजवाली, पुष्कर सिंह दुबड़िया, धीरज कुमार, नैन सिंह कोरंगा, हरीश भंडारी, निर्मला शाही, आनंद सिंह दानू, महेन्द्र पाल मौर्य आदि शामिल रहे।