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श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मन और मस्तिष्क होता है स्वच्छ और निर्मल: व्यास नीरज

अल्मोड़ा

श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मन और मस्तिष्क होता है स्वच्छ और निर्मल: व्यास नीरज


दन्यां: कलियुग में श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से ही मनुष्य का कल्याण हो जाता है। भागवत कथा ज्ञान का वह भंडार है जिसके श्रवण और वाचन से जहां वातावरण में शुद्धि आती है वहीं मन, मस्तिष्क और वाणी भी पवित्र और निर्मल हो जाते हैं।


ये उद्गार हरिद्वार के प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य नीरज जोशी ने सकुनिया गांव के मूल निवासी केशव जोशी द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा प्रवचन के दौरान उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य यजमान चंपा जोशी,खीमानंद जोशी, केशव जोशी, गोपाल दत्त जोशी, जगदीश जोशी, जीवन जोशी ने क्षेत्र के समस्त श्रद्धालुओं से प्रतिदिन कथा श्रवण कर प्रसाद और भोजन ग्रहण करने की अपील की है। जोशी परिवार द्वारा शिव सुन्दर पुरी में अपने दिवंगत पिता देवी दत्त जोशी, पुत्र राकेश जोशी पौत्र नमन और हिमानी की स्मृति में यह महायज्ञ आयोजित किया है। संगीतमय भागवत कथा के आयोजन में कथा व्यास के साथ पंडित दिवाकर जोशी, लक्ष्मी नारायण पाण्डे, उमाशंकर पाण्डे, विवेक पैनोली, जीवन जोशी, मोहन जोशी सहित अनेक पुरोहित सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

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