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5 सीटों में कौन मारेगा बाजी सबसे सटीक विश्लेषण : इन दो सीटों को गंवा सकती है उत्तराखंड में बीजेपी ।।

उत्तराखण्ड

5 सीटों में कौन मारेगा बाजी सबसे सटीक विश्लेषण : इन दो सीटों को गंवा सकती है उत्तराखंड में बीजेपी ।।

उत्तराखंड लोकसभा चुनाव का सियासी समर शुक्रवार को पूरा हो गया था । इस पड़ाव में उत्तराखंड की पांचों सीटों पर घमासान हुआ। करीब डेढ़ महीने से राजनीतिक दलों के सूरमाओं ने मतदाताओं तक अपनी पहुंच बढ़ाई। मगर, बूथों तक आने में मतदाताओं के कदम ठिठकते नजर आए। नतीजा यह हुआ कि बीते तीन चुनाव से इस बार सबसे कम मतदान हुआ। इसे लेकर अब नफा नुकसान की चर्चाएं शुरू हो गईं। सब अपने-अपने दावे पेश कर गणित लगाने में जुट गए हैं।
कि अब बाज़ी कौन जीतेगा, कम मतदान के जो दशकों से मायने होते हैं वही रहेंगे या फिर मतदाताओं के ठिठके कदम कुछ और इबारत लिखेंगे।


आइए संक्षिप्त में जानते हैं पांचो सीटों में क्या कुछ रहा ।नैनीताल-ऊधमसिंह नगर की बात करें तो 2024 के चुनाव में 59.99 % वोट पड़े जिसमें सबसे ज्यादा सितारगंज 69% वोट पड़े जहां भाजपा विधायक सौरभ बहुगुणा का दबदबा है, वही भीमताल बीजेपी विधायक राम सिंह कैड़ा के क्षेत्र में सबसे कम 48% मतदान हुआ इस सीट की बात करें तो इस सीट में मुकाबला रोचक होने वाला है चाहे अजय भट्ट को लोग ज्यादा मजबूत मान रहे हों लेकिन बीजेपी से इस लोकसभा सीट के तराई में आने वाले क्षेत्र जसपुर ,काशीपुर, गदरपुर, बाजपुर, रुद्रपुर, सितारगंज, खटीमा ,नानकमत्ता के किसानों के साथ-साथ हल्द्वानी के मुसलमान भी नाराज हैं
नैनीताल ऊधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस समेत 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे । इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय मुद्दों तक वार-पलटवार होता रहा । विशेषकर स्थानीय मुद्दों पर एक-दूसरे की घेराबंदी की जा रही थी , लेकिन मतदाता खामोश थे। कहीं पर भी खुलकर जीत और हार को लेकर प्रतिक्रिया नजर नहीं आ रही है।
जहां तक मतदाताओं के मूड की बात है क्षेत्रीय सहित राष्ट्रीय मुद्दे सियासी फिजा में छाए रहे। इन पर काफी क्रिया-प्रतिक्रिया दिखी इसके अलावा एंटी इनकमबेंसी फैक्टर की भी चर्चा हुई। खासकर बेरोजगारी, अग्निवीर योजना से लेकर स्थानीय स्तर पर मूलभूत सुविधाओं की कमी पर लोगों का ध्यान रहा। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट में 2024 में 45.41 प्रतिशत मतदान हुआ


जिसमें सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत में खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रहे धामी की विधानसभा में 55% लोगों ने मतदान किया जबकि बीजेपी विधायक महेश जीना की विधानसभा सल्ट में केवल 33% लोगों ने ही वोट दिया ।अल्मोड़ा संसदीय सीट पर चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी खेती-किसानी के मुद्दों पर उलझे हुए रहे। यहां से भाजपा-कांग्रेस समेत सात प्रत्याशी चुनावी समर में थे । जनता तक अपने वादे व दावों को पहुंचाने की भरसक कोशिश में प्रत्याशी जुटे रहे, लेकिन वन्य जीवों की आबादी में घुसपैठ समेत कई मामले प्रत्याशियों के लिए भी संकट प्रश्न बने हुए थे ।पेजयल, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, अतिक्रमण, पार्किंग आदि मुद्दे जनता के थे, जो आम लोगों को सीधे प्रभावित करते हैं। सभी नगरीय क्षेत्रों में पार्किंग की बड़ी समस्या का मुद्दा भी गरम रहा । किसके समय में क्या काम हुआ, इसको लेकर भी राजनीतिक दल और प्रत्याशी मुखर लड़ते रहे और चुनाव समाप्त हो गए।

हरिद्वार लोकसभा सीट में 59% मतदान हुआ जिसमें हरिद्वार ग्रामीण की कांग्रेस विधायिका अनुपमा रावत के क्षेत्र में सबसे ज्यादा 73% मतदान हुआ वही सबसे कम ऋषिकेश विधानसभा में 51% मतदान हुआ जो बीजेपी सरकार में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की सीट है । यहां बहुत ही रोचक मुकाबला होगा क्योंकि इस लोकसभा क्षेत्र में ज्यादा मुसलमान वोटर हैं हरिद्वार जिले में मुस्लिम आबादी 33 प्रतिशत से अधिक है। हरिद्वार संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत मंगलौर, झबरेड़ा, पिरान कलियर, ज्वालापुर, खानपुर, लक्सर, भगवानपुर और हरिद्वार ग्रामीण में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में रहे हैं। मुसलमान वोट कांग्रेस के पक्ष में जा सकते हैं हरिद्वार में अंदरखाने बीजेपी घबराई हुई नजर आती है ।।

वही बात टिहरी की करें तो यहां सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला होने वाला है इस लोक सभा सीट में भी 51% के करीब मतदान हुआ जिसमें सबसे ज्यादा मुन्ना सिंह चौहान की विधानसभा विकास नगर में 69% वोट पड़े दूसरी तरफ प्रताप नगर में सबसे कम 37% वोट पड़े यह कांग्रेस के नेता विक्रम सिंह नेगी की विधानसभा है । यहां भाजपा के गढ़ रहे कुछ क्षेत्रों में तो मतदान ही नहीं हुआ और कुछ क्षेत्रों में बॉबी पवार ने नुकसान किया है इस सीट की बात करें तो यहां भाजपा मजबूत स्थिति में नजर आती है क्योंकि बॉबी पवार ने बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस के वोटरों को अपनी ओर खींचा यहां मुकाबला त्रिकोणी रहने की उम्मीद है ।

वही गढ़वाल की बात करें तो यहां उत्तराखंड में सबसे कड़ा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच होगा । क्योंकि इस लोकसभा सीट में उन 49% मतदान हुआ और जिसमें सबसे ज्यादा रामनगर में बीजेपी विधायक दीवान सिंह बिष्ट की विधानसभा रही यहां 60% लोगों ने वोट दिए वही सबसे कम देवप्रयाग के विधायक विनोद कंडारी की विधानसभा रही यहां 37% लोगों ने वोट डाले, आंकड़ों की बात करें तो यहां कांग्रेस के गणेश गोदियाल ने कई सीटों में बीजेपी से बढ़त बना ली है।। जानकार मानते हैं यहां भाजपा राष्ट्रीय मुद्दों पर लगातार बात करते रही लेकिन स्थानीय मुद्दों से दूरी बनाना बीजेपी के लिए मुश्किल हो सकता है ।। रोजगार, स्वास्थ्य की बात कर रहे कांग्रेस प्रत्याशी यहां मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहे हैं ।। अब फाइनल नतीजे जो भी होंगे वह आपको 4 जून को ही पता चल पाएंगे ।।

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