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नवरात्रि 2024 विशेष : नवरात्रि में मां के 9 रूपों की पूजा का महत्व, जानें कलश स्थापना मुहूर्त

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नवरात्रि 2024 विशेष : नवरात्रि में मां के 9 रूपों की पूजा का महत्व, जानें कलश स्थापना मुहूर्त

नव कल्पना,नव ज्योत्सना
नव शक्ति,नव आराधना।

भारत वर्ष एक ऐसा महान देश है जहां पर 33 कोटी देवी देवताओं की पूजा की जाती है। भारत भूमि के कण–कण में ईश्वर विराजमान है। संपूर्ण सृष्टि ईश्वर की ही संरचना है। वर्ष भर अनेक पर्वों के रूप में हम ईश्वर के अनेक रूपों की पूजा, अर्चना करते हैं और ईश्वर के प्रति आस्था को अपनी भावनाओं के द्वारा अभिव्यक्त करते हैं। इसी क्रम में अश्विन माह शुक्ल पक्ष से नवरात्रि का प्रारंभ होता है, जिसमें देवी के नौ अलग–अलग रूपों की पूर्ण श्रद्धा भाव से पूजार्चना की जाती है।
(जिसके द्वारा हम स्त्री के सम्मान को भी दर्शाते हैं और स्त्री के भीतर उपस्थित मातृत्व से लेकर शक्ति रूप के दर्शन पाते है)
आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि कब से प्रारंभ हो रहे है।

हिन्दू वैदिक पंचांग के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र का प्रारंभ होता हैं। जगत के कल्याण के लिए आदि शक्ति ने अपने तेज को नौ अलग-अलग स्वरूपों में प्रकट किया, जिन्हें हम नव-दुर्गा कहते हैं। नवरात्री के समय माँ दुर्गा के इन्हीं नौ रूपों की उपासना का विधान है।

नवरात्रि पर विशेष योग कुछ इस प्रकार है :

  • शारदीय नवरात्रि पर हस्त नक्षत्र, इंद्र योग,बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है।
  • शरद नवरात्रि के प्रथम दिवस पर गुरुवार होने के कारण देवी दुर्गा पृथ्वी लोक में पालकी (डोली) पर सवार होकर आएंगी।
    शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
    गुरौ शुक्रे दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता॥
  • धार्मिक मान्यतानुसार यदि नवरात्र पर देवी दुर्गा पालकी पर सवार होकर आती हैं तो यह भक्तों के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जाता देश-विदेश में अनेक प्रकार की घटनाएं देखने को मिलेगी। साथ ही आर्थिक मंदी रहेगी व्यापार में गिरावट भी देखने को मिलेगी। अनेक प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना सभी को करना पड़ सकता है अतः देवी दुर्गा का पालकी पर आगमन शुभ संकेत नहीं है।
  • नवरात्रि सम्पूर्ण नौ दिन तक रहेगी।

नवरात्रि तिथि व नौ देवियां

नवरात्रि तिथि व नौ देवियां के बारे में यहाँ बताया गया है :

  • 03 अक्टूबर 2024 प्रथम नवरात्र मां शैलपुत्री ।
  • 04 अक्टूबर 2024 द्वितीय नवरात्र मां ब्रह्मचारिणी ।
  • 05 तथा 06 अक्टूबर 2024 तृतीय नवरात्र मां चंद्रघंटा।
  • 07 अक्टूबर 2024 चतुर्थ नवरात्र मां कुष्मांडा।
  • 08 अक्टूबर 2024 पंचम नवरात्र मां स्कंदमाता।
  • 09 अक्टूबर 2024 षष्ठी नवरात्र मां कात्यायनी ।
  • 10 अक्टूबर 2024 सप्तम नवरात्र मां कालरात्रि।
  • 11 अक्टूबर 2024 महादुर्गाष्टमी मां महागौरी को समर्पित। महानवमी तिथि मां सिद्धिदात्री ।
  • 12 अक्टूबर 2024 विजयादशमी, (दशहरा), दुर्गा विसर्जन।

घट स्थापना शुभ मुहूर्त

घट स्थापना शुभ मुहूर्त यहाँ बताया गया है :

  • 03 अक्टूबर 2024 को प्रातः 6:14 से 07:23 मिनट तक
  • अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11:46 से 12:33 मिनट तक।

कलश स्थापना विधि

कलश स्थापना विधि के बारे में यहाँ बताया गया है :

  • नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नानादि के उपरांत सम्पूर्ण घर व पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध कीजिए।
  • घी या तिल के तेल से नौ दिनों तक अखंड ज्योत प्रज्वलित करें।
  • तत्पश्चात चौकी पर लाल आसन बिछाएं व आसन के उपर थोड़े चावल रखें और एक मिट्टी के बर्तन में जौ बोएं और उस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें, कलश पर स्वास्तिक बनाएं।
  • कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालकर नौ आम के पत्ते रखें नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांध लें।
  • इस नारियल को कलश के ऊपर रखते हुए अब मां दुर्गा का ध्यान व आव्हान करें।
  • प्रतिदिन पूर्ण श्रद्धा पूर्वक माता के नौ रूपों की उपासना करें, घी का दीपक जलाएं और भोग अर्पित करें।

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

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