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भीमताल: मानस खंड मंदिर माला में शामिल होगा छोटा कैलाश पर्वत : जानें विख्यात शिव मंदिर का महत्व ।।

भीमताल

भीमताल: मानस खंड मंदिर माला में शामिल होगा छोटा कैलाश पर्वत : जानें विख्यात शिव मंदिर का महत्व ।।

इस मंदिर के मानसखंड मंदिर माला मिशन में जुड़ने से बदल जाएगा भीमताल

भीमताल – छोटा कैलाश मंदिर जल्द ही मानसखंड मंदिर माला मिशन में शामिल होने जा रहा है । इसके लिए जिला पर्यटन विकास अधिकारी अतुल भंडारी ने शासन को प्रस्ताव भी भेज दिया है।जिसे जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है। जनपद नैनीताल के मां नयना देवी मंदिर और कैची धाम को पूर्व में मानसखंड मंदिर माला में शामिल किया जा चुका है। अब छोटा कैलाश को भी इसमें सम्मिलित करने की कवायद शुरू हो गई है। आपको बता दें कुछ दिन पूर्व जिलाधिकारी वंदना सिंह को भवाली भ्रमण के दौरान आदि कैलाश विकास समिति के अध्यक्ष उमेश पलड़िया ने छोटा कैलाश मंदिर को मानसखंड मंदिर माला मिशन में शामिल करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था। छोटा कैलाश मंदिर पौराणिक धार्मिक स्थल के रूप में विख्यात है। यहां प्रत्येक वर्ष सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

हर साल लाखों लोग आते हैं इस मंदिर में

जिलाधिकारी के आदेश के बाद जिला पर्यटन विकास अधिकारी ने प्रस्ताव बनाकर मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद देहरादून को भेज दिया है। इधर, आदि कैलाश विकास समिति के अध्यक्ष उमेश पलड़िया के अनुसार आदि कैलाश मंदिर के मानसखंड माला मिशन में शामिल होने से क्षेत्र को अनेक मूलभूत सुविधाएं मिलेंगे। साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ जाएंगे ।

मानस खंड का है प्रसिद्ध शिव मंदिर

देवभूमि उत्तराखंड को पुराणों और हिन्दू धर्म ग्रंथों में भोलेनाथ की तपोेस्थली माना गया है. यहां कण – कण में भगवान शिव विराजमान हैं. बात केदारखंड की हो तो कौन नहीं जानता बाबा भोलेनाथ का विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ, बद्रीनाथ, त्रियुगीनारायण धाम और कई छोटे – बड़े मंदिर गढ़वाल क्षेत्र में मौजूद हैं, अगर बात मानसखंड की हो, तो आदि कैलाश, जागेश्वर धाम, बैजनाथ और छोटा कैलाश मंदिर कुमाऊं मंडल में मौजूद हैं,छोटा कैलाश मंदिर भीमताल की जिस चोटी पर बना है वह भीमताल के पहाड़ों में सबसे ऊंची चोटी है. यहां पहुंचने के लिए आपको लगभग 4 से 5 किलोमीटर चढ़ाई चढ़नी पड़ती है, मान्यता है कि यहाँ पहुंचकर शिवलिंग की पूजा करने से भक्तों की मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है. मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु यहाँ पर घंटी और चांदी का छत्र चढ़ाते हैं.

कैसे पहुंचें छोटा कैलाश पर्वत

पिनरों गांव के ऊंचे पर्वत पर विराजमान छोटा कैलाश मंदिर श्रद्धालुओं में सदैव आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है.अगर आप छोटा कैलाश जाना चाहते हैं तो आपको हल्द्वानी से यहां तक पहुंचने तक का रास्ता बताते हैं, नैनीताल जिले के पिनरों गांव की एक पहाड़ी पर स्थित है भोलेनाथ के इस मंदिर में दो रास्तों से पहुंचा जा सकता है. इसके लिए हल्द्वानी से लगातार शिवरात्रि के दिन विशेष शटल सेवा का संचालन होता है, एक रास्ता तो हल्द्वानी से अमृतपुर होते हुए जाता है, दूसरा भीमताल से होते हुए जिसके लिए जंगलियागांव के रास्ते से होकर आपको गुजरना पड़ता है. यहां से यह मंदिर करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर है. भटेलिया नामक जगह तक आप ट्रांसपोर्ट से जा सकते हैं, यहां पहुंचने के बाद पहाड़ की चोटी तक 3 से 4 किमी खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है. फिर आप मन्दिर में पहुंच सकते हैं ।।

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