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अब धरा पर पीत रंग सजने लगा है…..सांस्कृतिक समिति रानीखेत द्वारा आयोजित हुई काव्य गोष्ठी बही काव्य रसधारा

रानीखेत

अब धरा पर पीत रंग सजने लगा है…..सांस्कृतिक समिति रानीखेत द्वारा आयोजित हुई काव्य गोष्ठी बही काव्य रसधारा



रानीखेत। पर्यटन नगरी रानीखेत में सांस्कृतिक समिति रानीखेत द्वारा मिशन इंटर कॉलेज में आयोजित काव्य गोष्ठी में खूब काव्यरसधारा बही। विभिन्न स्थानों से पहुंचे रचनाकारों ने अपनी अपनी काव्य रचनाओं को सुनाकर सभी का मन मोहा।काव्य गोष्ठी का शुभारंभ‌ रचनाकार भुवन बिष्ट ने मां सरस्वती की वंदना से करते हुए कुमाउनी दोहे के माध्यम से ‘जब-जब वीणा बाजेछौ,फैल जांछ तब ज्ञान सुनाकर किया। वरिष्ठ कवि देवकीनंदन कांडपाल ने ‘पदम पगली पगला गई,अपने मन की शादी रचा रही..।’ प्रकृति का अनोखा बिम्ब तलाशा।

कवयित्री तनूजा जोशी ने देश प्रेम से ओतप्रोत कविता ‘आन बान और शान तिरंगा,हर घर में फहराना है.. प्रस्तुत की। कवयित्री गीता जोशी ने ‘चाहे धूप हो या छांव,जेठ दुपहरी तपती धरती..’और कुमाउनी सरस्वती वंदना का वाचन किया। कवयित्री सारिका वर्मा ने ‘बसंत है,बहार है, दिलों पे भी खुमार है .।

पंक्तियों के माध्यम से वसंत ऋतु के आगमन पर मन के नवोत्कर्ष को प्रदर्शित किया। डा.विनीता खाती ने जीवन की उलझन , द्वंद्व और निराशा से उबरने की कोशिशों को शब्द देते हुए कहा ,’जीवन है एक पहेली, जिसे सुलझा मैं न पाई।’ कवि पत्रकार विमल सती ने मां के बिछुड़ने की टीस को मर्म के साथ कुछ यूं उड़ेला’ बिछड़े तेरा दामन कई साल हुए मां,कि याद तेरी जाती नहीं…।’ युवा कवि नीरज फर्त्याल ने लोकल राजनीतिक की भेंट चढ़ते रानीखेत पर चिंता को स्वर देते कहा,’मेरे सपनों के रानीखेत में..। कवयित्री शक्ति वर्मा ने वसंत ऋतु का मनोहारी चित्रण करते कहा,’अब धरा पर पीत रंग सजने लगा है..।’ डॉ रिजवाना सिद्दीकी ने पिता -बेटी के स्नेह पर कविता सुनाते कहा,’बाबुल की थी मैं आंख का तारा। प्रीति पंत ने पहाड़ की पीड़ा को स्वर देते कहा,’हमारी भूमि देववास ,यह पहचान हमारी है।’उमा जोशी ने ‘पद से पहले पदाधिकारी,घर -घर जाकर बना भिखारी।’ कविता से गद्दीदारों पर‌ तीखा तंज कसा। एडवोकेट दिनेश तिवारी ने मौजूदा हालात पर चोट करते हुए ’कौन चिड़ियों के तुंड से,दाने चुरा ले जाता है,ये कौन है दिन के उजाले में घोंसले जलाता है। आनंद अग्रवाल ने ‘यातायात जाम’ व ‘बचपन की यादें’ तथा सतीश चन्द्र पाण्डेय ने ‘सुंदर शहर है रानीखेत’ कविताएं पढ़ी। काव्य गोष्ठी का संचालन साहित्यकर्मी विमल सती ने किया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक समिति के वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र पंत की बहन के‌ निधन पर शोक संवेदना भी व्यक्त की गई। कार्यक्रम में सांस्कृतिक समिति के हरीश लाल साह, गौरव भट्ट,संजय पंत, दीपक पंत व खजान पांडे,संजय कांडपाल सोनू सिद्धकी उपस्थित रहे।

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