उत्तराखण्ड
सज्जन कुमार को सजाये,,, उम्रकैद।
वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप को जिंदा जला देने के मामले में राउज एवेन्यू अदालत ने मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत ने सज्जन कुमार को मौत की सजा नहीं दिए जाने को लेकर कहा कि अपराध निस्संदेह क्रूर और निंदनीय थे, लेकिन उनकी वृद्धावस्था और बीमारियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें मृत्युदंड के बजाय कम कठोर सजा दी गई है। इसके अलावा कोर्ट ने अपराध को दुर्लभतम से भी दुर्लभतम नहीं माना।
अदालत ने कहा कि जेल प्राधिकारियों की रिपोर्ट के मुताबिक, दोषी का आचरण संतोषजनक था और उनके व्यवहार को लेकर कोई शिकायत सामने नहीं आई है। यह मामला उसी घटना का हिस्सा है, जिसके लिए कुमार को 17 दिसंबर 2018 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने कुमार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों की एक घटना के दौरान पांच लोगों की मौत का दोषी ठहराया था
न्यायाधीश बावेजा ने कहा कि मामले में दो निर्दोष व्यक्तियों की हत्या यकीनन कोई कम बड़ा अपराध नहीं है, लेकिन अदालत की राय में उपरोक्त परिस्थितियां इसे दुर्लभतम से भी दुर्लभतम मामला नहीं बनातीं, जिसके लिए दोषी को मृत्युदंड दिया जाना उचित हो। हालांकि, पीड़ितों ने सजा को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने फांसी की सजा की मांग की है ।











