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फर्जीवाड़ा: श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्विद्यालय में हो रहें हैं फर्जी दाखिले?

उत्तराखण्ड

फर्जीवाड़ा: श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्विद्यालय में हो रहें हैं फर्जी दाखिले?

उत्तराखंड के रुड़की में स्थित श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली बड़ी अजीबो गरीब नजर आ रही है। जिसको देखते हुए अब इस विश्वविद्यालय पर सवाल भी दागे जा रहे हैं। बताते चलें कि श्रीदेव कॉलेज में दाखिले के लिए विवि द्वारा 12 जनवरी को प्रवेश परीक्षा कराई गई थी, और उसी परीक्षा के आधार पर आरपीसी कॉलेज ने एडमिशन किए थे। जब दाखिले को सूची विवि तक पहुंची तो वो हैरान हो गए। सूची में पाया गया कि जिन छात्र छात्राओं ने प्रवेश परीक्षा दी थी उनका नाम दाखिले की सूची में था ही नहीं, बल्कि उनकी जगह दूसरे बच्चो का नाम सूची में दर्ज था। इस फर्जीवाड़े का खुलासा होते ही विवि द्वारा परीक्षा को निरस्त कर दिया गया। ये तो हो गई तीन महीने पहले की बात, लेकिन इस मामले में अब जो हुआ है उसे सुनकर आपके होश उड़ जायेंगे। जिस विवि ने इस मामले की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया था, उसी ने तीन महीने बाद इसे वैध करा दिया है।विवि ने पहले तो एक बीएड कॉलेज में फर्जी दाखिले पकड़े, फिर परीक्षा निरस्त की। अब तीन महीने बाद दोबारा प्रवेश परीक्षा से उन्हीं दाखिलों का वैध करा दिया। मामला है रुड़की के आरसीपी कॉलेज का। कॉलेज में बीएड दाखिलों के लिए विवि ने 12 जनवरी को प्रवेश परीक्षा कराई थी। यह परीक्षा विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. वीपी श्रीवास्तव और डॉ. प्रतीक्षा जुयाल के पर्यवेक्षण में हुई थी। इस परीक्षा के आधार पर आरसीपी कॉलेज ने दाखिले किए। दाखिलों की सूची जब विवि को पहुंची तो वह हैरान रह गए। उन्होंने देखा कि जिन छात्रों ने प्रवेश परीक्षा दी थी, उनके बजाए दाखिलों की सूची में दूसरे छात्रों के नाम शामिल हैं। लिहाजा, विवि ने इस प्रवेश परीक्षा का रद्द कर दिया। परीक्षा रद्द होने पर कॉलेज में हड़कंप मच गया। बाद में विवि कुलपति के निर्देश पर एक कमेटी का गठन किया गया और कॉलेज को दोबारा प्रवेश परीक्षा की अनुमति दे दी गई. इस पर कॉलेज प्रशासन ने 13 अप्रैल को प्रवेश परीक्षा करा दी। कॉलेज ने प्रवेश परीक्षा के लिए जो नोटिस जारी किया, उसमें स्पष्ट लिखा कि बीएड प्रथम वर्ष सत्र 2023-25 के सभी छात्रों को इस प्रवेश परीक्षा में शामिल होना है। यानी जो दाखिले गलत तरीके से किए गए थे, उन सभी को विवि ने प्रवेश परीक्षा की अनुमति देकर वैध करा दिया, जिससे विवि की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। विवि कुलसचिव केआर भट्ट ने इससे अनभिज्ञता जताई है। सवाल ये भी उठ रहा कि जिस कॉलेज ने दाखिलों का फर्जीवाड़ा किया, उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। सवाल ये भी है कि बिना प्रवेश परीक्षा दाखिल छात्रों को किस आधार पर प्रवेश के काबिल बना दिया गया। इस मामले में चार हफ्ते पहले आरपीएस कॉलेज के बच्चो द्वारा धरना प्रदर्शन भी किया गया था।

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