धर्म-संस्कृति
भारतवर्ष के लिए कैसा रहेगा 2025
नव वर्ष 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं।
समस्त ब्रह्मांड की ग्रह अधीन व्यवस्था प्रतिवर्ष नवीन रूपों को प्राप्त करती है, जैसी पद व्यवस्था प्राप्त होती है वैसी ही सांसारिक व्यवस्था निर्मित हो जाती है। सौर मंडल की नैसर्गिक पद व्यवस्था में राजा सूर्य, मंत्री गुरु–शुक्र, मंगल सेनापति, बुध युवराज आदि पदों पर व्यवस्थित हैं परंतु ग्रह, नक्षत्र गणना के अनुसार प्रतिवर्ष यह व्यवस्था परिवर्तित होती रहती है यह परिवर्तन ही ब्रह्मांड को नवीनता प्रदान करता है।
आइए जानते हैं 2025 में भारतवर्ष पर ग्रह नक्षत्रों का प्रभाव कैसा रहेगा —
2025 का आगमन बुधवार को उत्तराषाढा नक्षत्र में हो रहा है। नव वर्ष पर सूर्योदय के समय चंद्रमा मकर राशि में, गुरु वृषभ राशि में वक्री, बुध ग्रह वृश्चिक राशि तथा शनि कुंभ राशि में चलित रहेंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष राजा सूर्य एवं मंत्री भी सूर्य देव ही होंगे।
वर्ष 2025 में 4 बड़े ग्रह राशि परिवर्तन कर रहे हैं। 29 मार्च 2025 को शनि का गोचर मीन राशि में होगा, जिससे अनेक राशियां प्रभावित होगी, मेष, मीन और कुंभ राशि में शनि की साडेसाती का प्रभाव तथा सिंह व धनु राशि में शनि की ढैया प्रारंभ होगी। 14 मई 2025 को बृहस्पति का गोचर मिथुन मे और 18 मई 2025 को राहु एवं केतु का गोचर कुंभ और सिंह में होगा।
2025 में भारत में आपको अनेक उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। भारत विश्व पटल पर ज्ञान, विज्ञान, शासन, प्रशासन के स्तर पर विशेष स्थान प्राप्त करेगा। विश्व के अनेक देश भारतवर्ष के साथ व्यापारिक संबंध बनाने को उत्सुक रहेंगे। वैश्विक व्यापार में विस्तार होगा। भारत का धनकोष एक ओर वृद्धि प्राप्त करेगा, दूसरी ओर इस वर्ष में राष्ट्रीय कोष को हानि के योग भी हैं, भारत पर ऋण का भार भी बहुत तेजी से बढ़ेगा। राष्ट्रीय आय में सीमित बढ़ोतरी और राष्ट्रीय व्यय वृद्धि को प्राप्त करेगा। इस वर्ष सरकार की कठोरता आम जनमानस को व्यथित करेगी। उत्तर–पश्चिमी देशों में राजनीतिक संकट गहराएगा। भयानक विस्फोटक वातावरण से आंतरिक अशांति बनेगी। विश्व के प्रमुख देशों के मध्य युद्ध का भय बना रहेगा। विश्व के विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों में परस्पर वैमन्यता कारण निरंतर युद्ध जैसी स्थितियां बन सकती हैं। अनेक देशों में प्राकृतिक प्रकोप से जन धन हानि होने की संभावना।
व्यापार के दृष्टिकोण से 2025 भारतवर्ष के लिए अत्यंत शुभ फल कारक रहेगा। भारत विश्व भर में व्यापार के माध्यम से नए आयाम स्थापित करेगा। विदेशनीति के कारण भारत विश्व विख्यात होगा। व्यापारिक दृष्टिकोण से पर्यटन के क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त होगी। आम जन मानस के लिए रोजगार के सुअवसर प्राप्त होंगे तथा आय में बढ़ोतरी होगी। सभी व्यापारी वर्ग को वर्ष भर आय में उतार चढाव देखने को मिलेंगे परंतु नौकरी पेशा वर्ग हेतु वर्ष उत्तम फल कारक रहेगा।
मौसम के दृष्टिकोण से यह वर्ष मध्यम फल कारक रहेगा। विश्व के अनेक स्थानों पर अग्निकांड एवं बम विस्फोट, आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग प्रचुरता से होता दिखाई देगा। आंधी–तूफान, खंडवृष्टि और भूकंप आदि प्रकोपों से आम जनमानस का जीवन अस्त-व्यस्त रहेगा। वर्षा की कमी के कारण सूखे की स्थिति उत्पन्न होगी। अन्नोत्पाद्न भी मध्यम रहेगा। विघ्न बाधा, चोर भय,विपत्ति दंगा फसाद, फसल को हानि पहुंचाने वाले उपद्रव– अतिवृष्टि, अनावृष्टि, जीव-जंतुओं, पक्षियों आदि से फसल को हानि एवं राष्ट्र में तनाव की संभावना रहेगी। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश आदि पर्वतीय राज्यों में अधिक वर्षा के कारण भूस्खलन, भूकंप आदि समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से 2025 भारत वर्ष हेतु अनुकूल रहेगा–
देश की सीमाओं पर अनेक प्रकार के उपद्रव आतंकवाद का भय बना रहेगा। भारत के शत्रु देशों द्वारा बनाई गई योजनाएं विफल होंगी। भारत की कूटनीति सफल रहेगी।महंगाई नियंत्रित करने में शासन विफल रहेगा।
भारतीय राजनीति राष्ट्रवाद व धर्मनिरपेक्षवाद की दो धाराओं में स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। धर्म के नाम पर आम जनमानस के मध्य बैर/घृणा का भाव उत्पन्न होगा।राष्ट्रवाद के नाम पर राजनैतिक दल सत्तासीन होंगी। रक्षा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बनेगा।
स्वास्थ्य के परिपेक्ष से वर्ष 2025 सामान्य फल कारक रहेगा।
अनेक गंभीर बीमारियों का भय बना रहेगा। बाल्यावस्था के जातकों को गंभीर बीमारी का भय वर्ष के उत्तरार्द्ध में बना रहेगा जैसे – त्वचा रोग, उच्च रक्तचाप,ज्वरादि गंभीर रोग का प्रकोप हो सकता है।
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