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धोनी के गांव ल्वाली (अल्मोड़ा) की आजकल खूब चर्चा: चर्चा का विषय बनी हैं यह तीन छात्राएं ।।

अल्मोड़ा

धोनी के गांव ल्वाली (अल्मोड़ा) की आजकल खूब चर्चा: चर्चा का विषय बनी हैं यह तीन छात्राएं ।।

*धोनी का गांव फिर चर्चा में

भारतीय क्रिकेट टीम के सफल कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का गांव एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार सुर्खियों में आने की वजह महेंद्र सिंह धोनी का गांव जाना नहीं बल्कि इस बार चर्चा वजह हैं गांव की तीन बेटियां। इन बेटियों की चारों तरफ चर्चा हो रही है क्योंकि इन बेटियों की वजह से धौनी के गांव का स्कूल बंद होने से बच गया है।

*धोनी के पिता का गांव अल्मोड़ा के इस जगह पर था

जी हां भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और क्रिकेट की दुनिया के बड़े सितारे धोनी मूलरूप से अल्मोड़ा के लमगड़ा ब्लॉक के ल्वाली गांव के रहने वाले हैं। यह गांव भी लगातार पलायन की मार झेल रहा है।आपको बता दें कि धोनी के पिता पानसिंह भी 70 के दशक में रोजगार के लिए गांव से पलायन कर गए थे। हालांकि उन्होंने अपने गांव से भी नाता बनाए रखा।

इस गांव में पढ़ती हैं केवल तीन छात्राएं

यहां का प्राइमरी स्कूल बंद होने की कगार पर है। लेकिन गांव की 7 साल की मेनका बिष्ट, दीक्षा और आठ साल की खुशबू ने अपने गांव का स्कूल नहीं छोड़ा।बच्चियों के साथ-साथ माता-पिता की भी खूब चर्चा हो रही है क्योंकि बच्चों को किस स्कूल में पढ़ना है फैसला माता-पिता ही करते हैं .. मेनका और दीक्षा जहां कक्षा दो में पढ़ती है, वहीं खुशबू कक्षा तीन की छात्रा है। इनकी वजह से ही धोनी के गांव का स्कूल बंद होने से बच गया।लेकिन यह स्कूल कब तक चालू रहेगा इस पर सवाल उठेंगे

*भविष्य में स्कूल का भविष्य क्या होगा पता नहीं क्योंकि जब यह बच्चे पढ़ लेंगे उसके बाद क्या इस स्कूल में नए बच्चे एडमिशन लेंगे यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि उत्तराखंड में 400 ऐसे स्कूल है जहां बच्चों की संख्या 10 से कम है और वह कभी भी बंद हो सकते हैं ।।

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